Home छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना : महिलाओं को मिली खुशियों की गारंटी

महतारी वंदन योजना : महिलाओं को मिली खुशियों की गारंटी

by admin
  • रायपुर : आलेख : महतारी वंदन योजना : महिलाओं को मिली खुशियों की गारंटी
    महिलाओं को मिली खुशियों की गारंटी
    श्रीमती रीनू मिश्रा
  • सहायक जनसंपर्क अधिकारी

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ की महिलाओं को दी गई गारंटी को पूरा कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में नई सरकार ने महिला सशक्तिकरण का एक नया रास्ता तैयार किया है। इससे महिलाओं में भारी उत्साह है। महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की पात्र विवाहित महिलाओं को 12 हजार रूपए वार्षिक भुगतान किये जाएंगे। इससे महिलाओं के खाते में हर माह डीबीडी के माध्यम से एक हजार रूपए आएंगे। इसका उपयोग वह अपनी जरूरत और इच्छा के अनुसार कर सकेंगी। इससे महिलाओं की छोटी-छोटी खुशियों को अब गारंटी मिल गई है।

महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई महतारी वंदन योजना के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में 3,000 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। इससे महिलाओं की न सिर्फ रोजमर्रा की छोटी-मोटी जरूरतें पूरी होंगी बल्कि उन्हें आर्थिक संबल भी मिलेगा। महतारी वंदन योजना को लेकर महिलाओं के उत्साह का प्रमाण है कि 05 फरवरी को आवेदन करने के पहले ही दिन 1 लाख 81 हजार से अधिक महिलाओं ने आवेदन किया। दिन-प्रतिदिन योजना की लोकप्रियता के साथ फार्म भरने का सिलसिला भी बढ़ता रहा। योजना के तहत 20 फरवरी को अंतिम तिथि तक लगभग 70 लाख महिलाओं ने आवेदन जमा कर दिया। आवेदनों की स्क्रूटनी के बाद हितग्राहियों को दावा आपत्ति के लिए समय दिया गया। दावा आपत्ति के निराकरण के बाद अंतिम सूची जारी कर दी गई है। अंतिम सूची के आधार पर पात्र महिला के खाते में मार्च माह में प्रथम बार राशि का अंतरण किया जाएगा। इससे छत्तीसगढ़ की लगभग 70 लाख पात्र महिलाओं को लाभ होगा।

राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना का सुचारू क्रियान्वयन हो और बड़ी संख्या में आवेदन करने वाली महिलों को असुविधा न हो इसका ध्यान रखते हुए पुख्ता व्यवस्था की गई। राज्य स्तर पर महिला एवं बाल विकास विभाग को योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल विभाग बनाया गया। जिला स्तर पर कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी और शहरी क्षेत्रों में आयुक्त नगर निगम और मुख्य नगरपालिका अधिकारी सहायक नोडल अधिकारी बनाए गए। आवेदन के लिए ऑनलाईन पोर्टल
https://mahtarivandan.cgstate.gov.in/
तथा मोबाईल एप बनाया गया।

पोर्टल में हितग्राहियों को आवेदन की स्थिति की जानकारी की सुविधा भी दी गई। साथ ही राज्य स्तर पर योजना से संबंधित समाधान के लिए टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर 1800233448 भी जारी किया गया। जिला प्रशासन द्वारा पात्रता संबंधी नियमों को बताने के लिए कर्मचारी नियुक्त किये गए। आंगनबाड़ी और ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष शिविरों का भी आयोजन किया गया। घर-घर सर्वे कर फार्म भरवाए गए। इसके साथ ही प्रतिदिन राज्य स्तर पर योजना की समीक्षा और निगरानी की जा रही है।

महिलाएं विशेषकर विवाहित महिलाएं घर-परिवार की देखभाल, प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। महिलाएं अपनी छोटी-मोटी बचत का उपयोग ज्यादातर परिवार और बच्चों के पोषण में खर्च करती हैं। लेकिन आर्थिक मामलों में उनकी सहभागिता अभी भी बहुत कम है। इसे देखते हुए राज्य सरकार महिलाओं की आर्थिक सहभागिता बढ़ाने के लिए काम कर रही है। महिलाओं के स्वास्थ्य की बात की जाए तो 2020-21 में हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार 23.1 प्रतिशत महिलाएं मानक बॉडी मास इंडेक्स से कम स्तर पर हैं। 15 से 49 वर्ष के आयु की महिलाओं में एनीमिया का स्तर 60.8 प्रतिशत और गर्भवती महिलाओं में यह 51.8 प्रतिशत है। ऐसे में महतारी वंदन योजना उनके लिए बड़ी राहत बनकर आई हैं।

महिलाओं ने प्रतिमाह एक हजार रूपए मिलने से अपनी पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने की तैयारी भी कर ली है। धमतरी में रुद्री निवासी लोमेश्वरी ओझा कहती हैं कि मेरी छोटी-छोटी खुशियां इस राशि से पूरी होगी। मैं अपने बच्चों के लिए भी राशि खर्च कर सकूंगी। रायपुर की सविता साहू का कहना है कि कि तीज-त्यौहार में उन्हें, मायके से जो भेंट मिलती है, उसको वह मनचाहा खर्च करती हैं। ऐसे में मुझे मुख्यमंत्री श्री साय भी भाई की तरह लग रहे हैं, जो हर महीने तीज की राशि हजार रुपए देंगे। यह राशि महिलाओें के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार के साथ परिवार के निर्णयों में उनकी भूमिका के सुदृढ़ीकरण में भी सहायक साबित होगी।

महतारी वंदन योजना से मिली राशि से महिलाओं को परिवार के साथ खुद के स्वास्थ्य, पोषण और जीवन स्तर को उठाने का एक मजबूत आधार मिलेगा। महिलाओं की आर्थिक मजबूती से समाज में उनके प्रति भेदभाव में कमी और जागरूकता आएगी। निश्चित रूप से आने वाले दिनों में महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ की आधी आबादी की आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

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