नईदिल्ली (ए)। कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों से 14 विपक्षी सदस्यों के निलंबन को ‘लोकतंत्र का निलंबन’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह सब संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे से ध्यान भटकाने और सरकार की विफलता छिपाने के लिए किया गया है। लोकसभा में कुल 13 सदस्यों और राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा और हमारे लोकतंत्र के मंदिर संसद की सुरक्षा को खतरे में डालने के बाद भाजपा अब आवाज उठाने वाले पर ही वार कर रही है। 15 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित करना लोकतंत्र का निलंबन है।” उन्होंने कहा, ‘‘उनका अपराध क्या है? क्या केंद्रीय गृह मंत्री से सदन में बयान देने का आग्रह करना अपराध है? क्या सुरक्षा में सेंध लगने पर चर्चा करना अपराध है? क्या यह तानाशाही के उस पहलू को रेखांकित नहीं करता, जो वर्तमान व्यवस्था की पहचान बन गई है?”
खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक गंभीर चिंता का विषय है तथा इस पर सदन में नियम 267 के तहत चर्चा कराई जानी चाहिए। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘मामले की गंभीरता को देखते हुए मैं संसद में ‘इंडिया’ (गठबंधन) के घटक दलों के नेताओं के परामर्श से इस राय पर पहुंचा हूं कि यह मामला इतना महत्वपूर्ण है कि इसे नियम 267 के तहत उठाया जाना चाहिए।” नियम 267 के तहत नोटिस स्वीकार होने पर राज्यसभा में शेष कामकाज निलंबित कर, सदस्य द्वारा उठाए गए विषय पर चर्चा कराई जाती है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कल लोकसभा में जो हुआ वह अत्यंत चिंताजनक था। आज लोकसभा में जो कुछ हुआ, वह बिल्कुल विचित्र है। तमिलनाडु के एक सांसद, जो सदन में मौजूद भी नहीं थे और नयी दिल्ली से बाहर थे, उन्हें कार्यवाही में बाधा डालने के लिए निलंबित कर दिया गया! संसद में घुसपैठ करने वालों के मददगार भाजपा सांसद को कोई अंजाम नहीं भुगतना पड़ेगा।”
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया, ‘‘अपनी (सरकार की) नाकामियों और खामियों से ध्यान भटकाने के लिए सांसदों का निलंबन किया गया है। इस सरकार में बड़ी क्रूरता के साथ लोकतंत्र की बलि दी जा रही है। न जाने ये लोग देश को कहां ले जाएंगे। मोदी है तो देश का मुश्किल है।” चौधरी ने कहा कि अब आगे उठाये जाने वाले कदमों के बारे में शुक्रवार को फैसला किया जाएगा।