नई दिल्ली(ए)। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आज थोड़ा सुधार देखने को मिला जो ‘गंभीर’ से सुधरकर ‘बहुत खराब’ के स्तर में पहुंच गई। जिसके बाद सरकार ने प्रदूषण चेतावनी स्तर कम किया और डीजल ट्रकों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की अनुमति दी। हवा की गति में वृद्धि के कारण वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ। हवा की गुणवत्ता शुक्रवार को 405 से सुधरकर शाम 4 बजे 317 पर पहुंच गई। पड़ोसी गाजियाबाद (274), गुरुग्राम (346), ग्रेटर नोएडा (258), नोएडा (285) और फरीदाबाद (328) में भी वायु गुणवत्ता “बहुत खराब” से “गंभीर” दर्ज की गई।
वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार के बाद, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत स्टेज-IV प्रतिबंधों को बढ़ा दिया।
‘प्रदूषण विरोधी प्रतिबंध प्रभावी रहेंगे’
सीएक्यूएम ने एक विज्ञप्ति में कहा, लेकिन जीआरएपी के चरण I से चरण III के तहत प्रदूषण विरोधी प्रतिबंध प्रभावी रहेंगे। चरण IV प्रतिबंध, जो 5 नवंबर को लगाए गए थे, उनमें बीएस-VI उत्सर्जन मानदंडों का अनुपालन करने वाले वाहनों को छोड़कर सभी डीजल चार पहिया वाहनों पर बैन शामिल है। आवश्यक या आपातकालीन सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों को छोड़कर, सभी दिल्ली-पंजीकृत डीजल मध्यम और भारी अच्छे वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी में चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी।
‘व्हेकिल एमिशन का पॉल्यूशन में 45 प्रतिशत योगदान’
दिल्ली सरकार और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), कानपुर की एक संयुक्त परियोजना के हालिया निष्कर्षों से पता चला है कि शुक्रवार को राजधानी के वायु प्रदूषण में वाहनों के उत्सर्जन का लगभग 45 प्रतिशत योगदान था। शनिवार को इसके घटकर 38 फीसदी होने की संभावना है।