बक्सर (ए)। बिहार के बक्सर में रघुनाथपुर के जिस रेलवे ढाले के पास यह हादसा हुआ, वहां आसपास के लोगों को ट्रेन की सामान्य आवाज की आदत है। लेकिन, यह आवाज बहुत अलग थी। जैसे लगा कि कुछ तेज आवाज में रगड़ाया है और फिर गिट्टी पर घिसटने की तेज आवाज की तरफ लोग अचानक ही भागे। कुछ देखते, इससे पहले चीख-पुकार की आवाज कानों तक पहुंचने लगी थी। बचाने की गुहार पहुंच रही थी। ट्रेन की जनरल बोगी में सीढ़ियों के पास रहे कुछ लोग पहले ही गिरकर घायल हो चुके थे। कुछ ने कराहते हुए लोगों को कहा कि उनके परिजन अंदर हैं, बचाओ। पूरा इलाका अंधेरे में था और जुगाड़ की रोशनी से काम चल रहा था
कई घायलों को बेहोश स्थिति में निकाला जा रहा था। महिलाएं बेसुध-बदहवास थीं। दिल्ली से ज्यादातर यात्री अपने बड़े बक्सों के साथ थे और इन सामानों से ही दबे जा रहे थे। ट्रेन की बोगी जैसे-तैसे टेढ़ी थी, जिसके कारण राहत और बचाव का काम मुश्किल से हो रहा था। पूरा इलाका अंधेरे में था और जुगाड़ की रोशनी से काम चल रहा था। एक जनरल बोगी ज्यादा क्षतिग्रस्त हुई। शेष एसी 2 और 3 टियर की बोगियां हैं। अंधेरे में आठ बोगियों को क्षतिग्रस्त और दो को एक-दूसरे में गुत्थमगुत्थ हुआ देख लोग घायलों की वास्तविक संख्या 100 तक पहुंचने की बात कह रहे हैं।
ट्रेन की अस्वाभाविक आवाज सुन दौड़े तो सुनाई पड़ी चीखने की आवाजें, आंखों देखा हाल
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