नईदिल्ली(ए)। सेना में अग्निवीरों के पांचवें कोर्स की पासिंग आउट परेड पूरी होने के साथ ही इस बैच के सभी 402 अग्निवीरों को सेना के डोगरा रेजिमेंट में शामिल कर लिया गया है। अग्निवीरों के समूचे पांचवें बैच को इस रेजिमेंटल के अलग-अलग ब्रांच में तैनाती की गई है।
सेना में अग्निवीर भर्ती की नई प्रणाली के तहत इस बैच के कोर्स का संचालन भी डोगरा रेजिमेंट ने ही किया था और बीते चार जून को इनकी पासिंग आउट परेड और सत्यापन समारोह का आयोजन हुआ। सेना के अनुसार इस बैच में पास कुल 402 अग्निवीर पास हुए और भारतीय सेना के अंग के रूप में शपथ ली।

इनका कठोर प्रशिक्षण एक नवंबर 2024 से चार जून 2025 तक कुल 31 सप्ताह चला जिसमें सामरिक और शारीरिक प्रशिक्षण, ड्रिल, हथियार संचालन, फील्ड-बैटल क्राफ्ट और सहन-शक्ति की परीक्षा आदि शामिल थे। इस प्रशिक्षण ने अग्निवीरों को पेशेवर सैनिक बना दिया है।
प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न खेलों और पेशेवर प्रतियोगिताओं के माध्यम से टीम निर्माण और एस्पि्रट-डी-कॉर्प्स को शामिल किया गया। अग्निवीरों ने गर्व और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करने और भारतीय सेना के मूल्यों को बनाए रखने की शपथ ली।
डोगरा रेजिमेंटल सेंटर के पास बहादुर और समर्पित सैनिकों को तैयार करने का समृद्ध इतिहास है, जिन्होंने देश की सेवा की है। सेना के मुताबिक प्रशिक्षण का मुख्य आकर्षण वास्तविक फील्ड स्थितियों के तहत आयोजित एक सप्ताह का प्रशिक्षण शिविर था। शिविर में अग्निवीरों को विभिन्न सामरिक अभ्यासों और स्थितियों में रखा जाता है।
शुरुआत में उन्हें 72 घंटों तक मैदानी परिस्थितियों में आत्मनिर्भर बनाए रखा जाता है। इसका समापन 40 किलोमीटर की कठिन ‘जोश रन’ में हुआ, जो धीरज, भावना, शक्ति और इच्छाशक्ति की सच्ची परीक्षा थी।
पासिंग आउट परेड की समीक्षा राष्ट्रीय राइफल्स के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल अनुपम बागी और डोगरा रेजिमेंटल सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर जितेंद्र शर्मा ने अन्य अधिकारियों, परिवारों, नागरिक गणमान्य व्यक्तियों और अग्निवीरों के माता-पिता की उपस्थिति में की।