Home छत्तीसगढ़  मछली पालन व्यवसाय बना जीविका का आधार

 मछली पालन व्यवसाय बना जीविका का आधार

by Surendra Tripathi

ग्राम पंचायत गुदमा के मछुआ आदिवासी सहकारी समिति के सदस्य मछली पालन व्यवसाय से जुड़कर आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर

बीजापुर .

मत्स्य पालन विभाग द्वारा जिले के मत्स्य कृषकों, मछुआ सहकारी समिति एवं समूहों को मछली पालन के व्यवसाय हेतु प्रेरित कर उनके जीविका बढ़ाने में अपनी महती भूमिका निभा रही है, बीजापुर जिले में मछली की मांग ज्यादा होने के कारण तेलंगाना, महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों से भी मछली की आवक होती है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने और मछलीपालन के व्यवसाय से मत्स्य कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है। ऐसे ही ग्राम पंचायत गुदमा की एक समूह जय श्री व्यंकटेश्वर महिला मछुआ आदिवासी सहकारी समिति को मछलीपालन का कार्य विगत 10 वर्षों से कर रहे हैं। समूह को मत्स्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत मछली पकड़ने हेतु जाल, आइस बाक्स, मत्स्य बीज एवं समय-समय पर विभागीय अमलों द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन एवं उत्पादन में वृद्धि हेतु आवश्यक जानकारी दी जा रही है।

समूह के अध्यक्ष श्रीमती करिश्मा शाह ने बताया कि विगत 10 वर्षों से हम मछलीपालन कर मछली का विक्रय कर रहे हैं प्रति वर्ष उत्पादन में अच्छी वृद्धि हो रही हैं जिसमे समूह की सदस्यों की भागीदारी एवं प्रशासन का सहयोग काफी मददगार साबित हो रहा है। कुल 2 हेक्टेयर का तालाब है जिसे लीज पर लिए है और सक्रिय रूप से मछलीपालन का कार्य करते आ रहे है। जिसका सकारात्मक परिणाम मिल रहा है और प्रति वर्ष 8 से 10 क्विंटल का मछली विक्रय कर रहे है जिससे हमारी अतिरिक्त आमदनी में लगातार वृद्धि हो रही है। इस वर्ष हमने मत्स्य विभाग द्वारा निर्मित फिश हेचरी से उन्नत किस्म की मछली बीज भी सस्ते दर में प्राप्त किया है। इस वर्ष उत्पादन में और वृद्धि होने की भरपूर संभावना है जिला प्रशासन एवं मत्स्य विभाग के सहयोग का हम सदैव आभारी रहेंगे। जिसने हमारी आजिविका बढ़ाने और हमें आर्थिक रूप से सशस्त करने में योगदान दे रहा है।

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