‘‘मॉक ड्रिल’’ के माध्यम से तैयारियों की समीक्षा
भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर 9 स्थित पं॰ जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालाय एवं अनुसंधान केंद्र में आपातकालीन और स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा के लिए सोमवार 10 अप्रैल, 2023 को संयंत्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ॰ एम रविन्द्रनाथ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ पी बिनायके और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ के ठाकुर के निर्देशन एवं अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चेस्ट) डॉ. त्रिनाथ दास के मार्गदर्शन में ‘‘मॉकड्रिल‘‘ किया गया। इस मॉक ड्रिल में आईसीयू बेड, आवश्यक दवाइयां, आपातकालीन सुविधायें, आइसोलेसन रूम, ड्यूटी स्टेशन, पीपीई किट, नमूनों का संग्रह, प्रयोगशाला, सैनिटाईजेशन की व्यवस्था, ड्रग्स एवं डिस्पोसल, ऑक्सीजन की आपूर्ति, उपचार प्रोटोकॉल, रैपिड रिस्पांस टीम और अन्य महत्वपूर्ण देखभाल की व्यवस्था एवं तैयारियों की समीक्षा की गयी।
पिछले कुछ दिनों में कोविड -19 मामलों में लगातार वृद्धि देखते हुये भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी को लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दिया है तथा अस्पतालों को इससे निपटने तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इन्ही दिशा निर्देशों का पालन करते हुए इस ‘‘मॉक ड्रिल’’ किया गया। कोरोना के बढ़ते मामलों को देख केंद्र सरकार समेत राज्य सरकारें भी सतर्क हो गई हैं।
तेजी से बढ़ रहे कोविड 19 के मामलों की समीक्षा के दौरान 10 अप्रैल, 2023 को भिलाई इस्पात संयंत्र के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग द्वारा संचालित पं. जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय और अनुसंधान केंद्र, सेक्टर 9 में एक एम्बुलेंस अचानक आपातकाल कैजुअल्टी इमरजेंसी गेट पर आ खड़ी हुई। दो पीपीई किट पहने कर्मचारियों ने मरीज को एम्बुलेंस से बाहर निकाला। मरीज की हालत गंभीर होने के कारण उसे स्ट्रेचर द्वारा आकस्मिक आपात स्थिति के एक कक्ष में बीपी, ऑक्सीजन लेवल, फेफड़ों में संक्रमण का स्तर, पल्स, शुगर और अन्य जांच कर फ्लू क्लिनिक भेजा गया। जहां कोविड-19 लैब के एक काउन्टर में मरीज का विवरण लिया गया और सैम्पल कलेक्शन एरिया काउन्टर में कोविद जाँच हेतु सैम्पल कलेक्ट किया गया।
प्राथमिक जांच के बाद उन्हें काउंसलिंग रूम में ले जाया गया जहां चिकित्सक द्वारा मरीज से और उनके परिजनों से आवश्यक पूछताछ की गई जैसे वैक्सीनेशन हुआ या नहीं, हाल ही में कोई यात्रा की गई या नहीं तथा पुनः उनकी जांच के बाद बताया गया कि उन्हें होम आइसोलेशन की जरूरत है या नहीं। गया। इसी दौरान एक दूसरा मरीज आया, जिसकी उक्त प्रक्रिया से ही जाँच किया गया, जाँच से उसकी स्थिति सामान्य थी जिसके बाद उसे होम आइसोलेशन के लिए भेज दिया गया।
चूंकि पहले मरीज की हालत गंभीर थी उन्हें गहन देखभाल इकाई के वेंटिलेटर और अन्य जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरण के कोविड वार्ड में शिफ्ट कर उनका उपचार शुरू किया गया। साथ ही चिकित्सालय में अन्य मरीजों की भी जाँच हुई और यह पाया गया कि यदि कोई मरीज गंभीर हालत में नहीं है तो आकस्मिक आपातकाल (कैजुअल्टी इमरजेंसी) में ही बने “कोविड ट्राइएज” काउन्टर में संदिग्ध रोगियों का तापमान माप कर उन्हें आवश्यकतानुसार ओपीडी या फ्लू क्लिनिक भेजा गया। इस मॉक ड्रिल में संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय के पैरा मैडिकल स्टाफ, नर्स और प्रबंधन के अधिकारी ने भी भाग लिया।