Home छत्तीसगढ़ सेल-भिलाई इस्पात सयंत्र मर्चेंट मिल और वायर रॉड ने टीम वर्क से स्थापित किया नया कीर्तिमान

सेल-भिलाई इस्पात सयंत्र मर्चेंट मिल और वायर रॉड ने टीम वर्क से स्थापित किया नया कीर्तिमान

by Surendra Tripathi

सेल-भिलाई इस्पात सयंत्र की दो पुरानी फिनिशिंग मिलें, मर्चेंट मिल (एमएम) और वायर रॉड मिल (डब्ल्यूआरएम) ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान अपने प्रदर्शन को बनाए रखा है। गुणवत्ता विभाग के सहभागिता से पिछले वित्त वर्ष के दौरान उत्पादन के अक्सर नए और अनुकूलित ग्रेड जारी करते हुए कई रिकॉर्ड बनाये हैं। मर्चेंट मिल द्वारा उत्पादन में पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्ष 2022-23 में लगभग 12.8% की वृद्धि और डब्ल्यूआरएम में 16.9% की वृद्धि दर्ज की हैं।

एमएम विभिन्न प्रकार के एंगल्स और चैनलों के साथ टीएमटी बार का उत्पादन करता है जबकि डब्ल्यूआरएम विभिन्न प्रकार (वर्ग) के प्लेन और रिब्ड (टीएमटी) वायर रॉड कॉइल दोनों का उत्पादन करता है। एमएम ने नए वित्तीय वर्ष 2023-24 की शुरुआत से ही कुछ नए रिकॉर्ड बनाए। एमएम ने तीन में से दो रीहीटिंग भट्टियों के संचालन के साथ नए वित्तीय वर्ष 2023-24 की शुरुआत दैनिक और शिफ्ट रिकॉर्ड के साथ तेजी से की।

10 अप्रैल 2023 को, दोनों मिलों ने एमएम के साथ मिलकर 1,977 टन 25 मिमी टीएमटी का रिकॉर्ड उत्पादन कर कीर्तिमान स्थापित किया, जो 08 अप्रैल 2023 को 1,972 टन के अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ उत्पादन को पार कर गया। डब्ल्यूआरएम ने भी 10 अप्रेल 2023 को 1,632 टन (10 मिमी) टीएमटी कॉइल का उत्पादन दर्ज करके अपने पुराने सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड 14 फरवरी 2023 को उत्पादित 1,618 टन के अपने पिछले दैनिक रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा।

भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक (एमडब्ल्यूआरएम-मर्चेंट वायर रॉड मिल) श्री एम के गोयल ने ने बताया कि शॉप कर्मियों ने चुनौतीपूर्ण कार्यों का सामना करने के लिए अपनी कमर कस ली एवं एकजुट होकर नए लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तैयार हैं।

     सहायक महाप्रबंधक (एमडब्ल्यूआरएम) श्री शशांक राव शंबरकर ने साझा किया कि एमडब्ल्यूआरएम में कार्य वातावरण अनुकूल है, तथा प्रबंधन के सहयोग व टीम वर्क से नए विचार के कार्यान्वयन के साथ परिणाम मिल रहे हैं।

सहायक महाप्रबंधक (एमडब्ल्यूआरएम) श्री पुलक कांति बरुआ का कहना है कि मिल के सुचारू संचालन के लिए हर एक स्टैंड के प्रवेश/निकास बॉक्स की निगरानी आवश्यक है। चीफ मास्टर ऑपरेटर (एमडब्ल्यूआरएम) श्री एन हरि नारायण का कहना है कि रोलिंग रेट और प्रौद्योगिकी में बदलाव के साथ उत्पादन दर में वृद्धि हुई है। आधुनिक मिलों की मदद से हम मिल की गति बढ़ा कर, विभिन्न ग्रेड के उत्पादों जैसे ईक्यूआर, एचसीआर का उत्पादन करने में सक्षम हैं।

मुख्य मास्टर तकनीशियन (एमडब्ल्यूआरएम) श्री मनहरण लाल वर्मा ने कहा कि निश्चित निरिक्षण और बेहतर रखरखाव से उचित परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। मुख्य मास्टर ऑपरेटर (एमडब्ल्यूआरएम) श्री सुशील कुमार गुप्ता कहना है कि स्टैंड, रोलर्स की नयी खरीदी (उपलब्धता), उचित रखरखाव और अच्छा समन्वय सुचारू रोल और पास परिवर्तन में मदद करता है।

व्यवस्थित समन्वय, बेहतर रखरखाव, उचित हाउसकीपिंग और सुरक्षा अभ्यास के साथ-साथ एकजुट टीम वर्क ने एमडब्ल्यूआरएम को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद की है।

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