रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा किसानों से आगामी खरीफ सीजन में 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने की घोषणा का कांग्रेस ने स्वागत किया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने आगामी खरीफ सीजन में किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी करने का निर्णय लिया है, इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आयेंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश के किसानों को धान की कीमत 2500 रु. प्रति क्विंटल देने का वादा किया था जिसे पूरा किया हैं। इस वर्ष प्रदेश के किसानों की धान 2640 रु. एवं 2660 रु. की दर पर खरीदी गई है। आगामी खरीफ सीजन में किसानों से 20 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी और लगभग 2800 रु. प्रति क्विंटल की दर से खरीदी होगी। छत्तीसगढ़ के किसान देश के सबसे खुशहाल किसान हैं। भूपेश सरकार में 20 लाख किसानो की 11 हजार करोड़ का कृषि ऋण माफ हुआ है, 350 करोड़ का सिंचाई कर माफ हुआ है, 5 लाख से अधिक स्थाई पंप कनेक्शन दिए गए हैं और किसानों के बेहतरी के लिए राज्य की सरकार योजना बनाकर काम कर रही है। बीते 4 वर्ष में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में राज्य सरकार ने डाले है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है। प्रदेश में 80 प्रतिशत आबादी कृषि कार्यो से जुड़ी हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों को उनकी उपज की सही कीमत और सुविधायें देकर आर्थिक रूप से सक्षम बनाया है। किसानों की जेब में डेढ़ लाख करोड़ रू. से अधिक की राशि डाले जिसका ही प्रभाव है कि छत्तीसगढ़ में व्यापार, व्यवसाय में तेजी है और इसके विपरीत मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते देश में आर्थिक मंदी है व्यापार व्यवसाय सुस्त है। किसानों को उनकी उपज का सही कीमत नहीं मिल रहा है ।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की कथनी, करनी का अंतर हमेशा से अलग रही। छत्तीसगढ़ में सरकार में रहते भाजपा ने वायदा किया कि धान का 2100 रूपये समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया। 5 साल तक 300 रूपये बोनस देंगे, 5 साल नही दिया। धान का एक-एक दाना खरीदेंगे, नहीं खरीदा। 10 क्विंटल खरीद रहे थे कांग्रेस के विरोध के बाद बढ़ाया। 2014 के चुनाव के पहले मोदी ने वायदा किया था स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों लागू करेंगे लागत मूल्य का डेढ़ गूना समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करेंगे। 2022 बीत गया किसानों की आय बढ़ने के बजाये घट गयी।