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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शुक्रवार भाषा को किसी भी नस्ल का “जीवन” बताया और तमिल के संवर्धन के लिए उनकी पार्टी द्रमुक द्वारा वर्षों से उठाए गए विभिन्न कदमों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने 1960 के दशक के हिंदी-विरोधी आंदोलन के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि तमिल एकमात्र ऐसी नस्ल थी जिसने “की रक्षा के लिए अपना जीवन दिया”। उन्होंने अपने पिता द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के दिवंगत अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि द्वारा 1974 में दिए गये बयान को उद्धृत किया कि “सम्मान” सुनिश्चित करना अनिवार्य था।