Home छत्तीसगढ़ मेडिटेशन से मिलती है मानसिक तनाव से मुक्ति, दृष्टिकोण होता है सकारात्मक : सुश्री उइके

मेडिटेशन से मिलती है मानसिक तनाव से मुक्ति, दृष्टिकोण होता है सकारात्मक : सुश्री उइके

by Surendra Tripathi

रायपुर –

ध्यान और योग हमारी प्राचीन संस्कृति की देन है। मेडिटेशन से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। साथ ही दृष्टिकोण सकारात्मक होता है। मेडिटेशन वह माध्यम है जिससे हम आंतरिक ऊर्जा को जागृत कर सकते हैं। यह बात राज्यपाल ने कही। राज्यपाल राजभवन के दरबार हॉल में गुरू पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित विशेष ध्यान सत्र को सम्बोधित कर रही थी। गौरतलब है कि राजभवन सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए आज राजभवन में विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया था।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि प्राचीन समय में हमारे ऋषि मुनि अपनी आत्मिक शक्ति को जागृत करने के लिए ध्यान योग किया करते थे। उन्होंने कहा कि आधुनिक भाग-दौड़ भरी जिंदगी से हम कई तरह के मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। इससे अनेक बीमारियों की गिरफ्त में हम आ रहे हैं। युवा कम उम्र मे ही मानसिक अवसाद के दौर से गुजर रहे हैं। कोरोना काल में तो यह स्थिति और भी अधिक गंभीर हो गई हैं। जिंदगी की ऐसी तमाम मानसिक परेशानियों का मेडिटेशन से समाधान किया जा सकता है। मेडिटेशन हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। इसके निरंतर अभ्यास से हम जीवन के तमाम तनाव और निराशाजनक स्थितियों से मुक्ति पा सकते हैं।
उन्होने कहा कि यदि हमें स्वस्थ जीवन यापन करना है तो अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकाल कर योग और ध्यान करना चाहिए। इसी के सहायता से हम मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे और अपने कर्तव्यों का अच्छे से निर्वहन कर पाएंगे।
योगी स्वामी महेश ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग,प्राणायाम तथा ध्यान बेहद आवश्यक हैैै। इनके द्वारा हम शरीर के ऊर्जा के संतुलन को बनाये रख सकते है। उन्होने कहा कि योग व ध्यान के माध्यम से हम अपने मन को नियंत्रित और स्वच्छ कर सकते हैं। स्वामी महेश ने शरीर के सात चक्रों के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि योग साधना से इन चक्रों को जागृत कर हम अपनी शारीरिक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा स्वामी महेश ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अष्टांग योग के बारे में जानकारी देते हुए सभी से योग और ध्यान करने की अपील की। इस ध्यान सत्र में डॉ. अनिल गुप्ता ने हमारे प्राचीन वैदिक विज्ञान के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति  आवश्यक है, परन्तु हमारे शरीर की ऊर्जा, उसकी क्षमता में वृद्धि करने के लिए योग और ध्यान अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम में राज्यपाल सुश्री उइके ने योगी स्वामी महेश को स्मृति चिन्ह एवं गमछा पहनाकर सम्मानित किया। स्वामी महेश ने भी राज्यपाल सुश्री उइके को गमछा पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री अमृत कुमार खलखो, राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री राजेश श्रीवास्तव, राज्यपाल के उप सचिव श्री दीपक कुमार अग्रवाल सहित राजभवन के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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