भिलाई इस्पात संयंत्र की इस्पात नगरी में डेंगू सर्वे का अभियान विशेष रूप से जारी है। छत्तीसगढ़ शासन के मलेरिया विभाग और भिलाई इस्पात संयंत्र के संयुक्त प्रयासों से 4 जून, 2022 से डेंगू के मच्छरों के लिए अभियान और सर्वे का कार्य निरंतर जारी है।
भिलाई इस्पात संयंत्र के जनस्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में मलेरिया विभाग से प्राप्त 48 लोगों की टीम के द्वारा यह कार्य किया जा रहा है। इसके तहत 6-6 सदस्यों की 8 टीमें बनायी गई है, जो अब तक 14000 घरों में सर्वे कर चुकी है। इस टीम द्वारा लगभग 16000 से अधिक कुलर, पानी की टंकिया आदि पानी जमा होने वाले स्थानों को खाली कराया गया और लोगों को डेंगू के प्रति समझाईश देते हुए टेमीफाॅस दवाई का वितरण किया जा रहा है।
इस अभियान के तहत प्रतिदिन 151 घरों में पानी जमा होने वाले स्थानों की जांच की जा रही है और दवाई का छिड़काव, नालियों में आॅइलिंग और आम जनता को डेंगू के प्रति सजग किया जा रहा है। इस अभियान के तहत लगभग 600 से अधिक स्थानों पर पानी जमा पाया गया और संबंधित निवासियों को चेतावनी देने के साथ-साथ जमे हुए पानी को खाली कराया गया। कुछ स्थानों पर जमा पानी में लार्वा के लक्षण नजर आये जिन्हें तत्काल खाली कराकर और दवाई का छिड़काव कर समाप्त किया गया है। प्राप्त हुये लार्वा की लैब में जांच भी की जा रही है।
इस अभियान के तहत इस्पात नगरी के नागरिकों को डेंगू की बीमारी और डेंगू पैदा करने वाले मच्छरों के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। मच्छरों से होने वाली अन्य बीमारियों के बारे में भी जनता को सजग किया जा रहा है। अपने घर के आस-पास बारिश के दिनों में किसी भी तरह का पानी जमा न होने दें। अधिक दिन पानी जमा रहने से मलेरिया, डेंगू जैसे मच्छरों से होने वाली बीमारियां उत्पन्न होने का भय बना रहता है।
भिलाई इस्पात संयंत्र, छत्तीसगढ़ शासन के मलेरिया विभाग से प्राप्त प्रशिक्षित टीम के द्वारा किये जाने वाले सर्वेक्षण, जांच और प्रचार-प्रसार के कार्य हेतु भुगतान करता है। इसके तहत ही यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है।