प्रदेश में हर साल की तरह 31 मई को अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस मनाया गया। इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा धूम्रपान से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति समाज में जन चेतना विकसित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। लोगों ने नशा न करने और छत्तीसगढ़ को नशामुक्त बनाने की शपथ ली। गांव-गांव में भारत माता वाहिनी के माध्यम से नशामुक्ति के दुष्परिणामों के प्रति सचेत किया गया। लोगों को नशा छोड़ने और स्वस्थ जीवन शैली के लिए योग को अपनाने की सलाह दी गई।अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस पर धूम्रपान की रोकथाम के संबंध में प्रचार और जन जागृति के प्रयास भी व्यापक स्तर पर किए गए। लोगों को बताया कि तम्बाखू या तम्बाखू से निर्मित उत्पादों के सेवन से गंभीर व्याधियां होती हैं। जन समुदाय को तम्बाखू के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे जानकारी देने के साथ नशा मुक्ति पर आधारित साहित्य का वितरण भी किया गया। रैली और जागरूकता रथ के माध्यम से लोगों को नशापान छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया। धूम्रपान और तम्बाखू सेवन करने की प्रवृत्ति पर भावी नियंत्रण के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं और कार्यक्रम आयोजित किए गए। नाटक, गीत, परिचर्चा, सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। योगाचार्यों द्वारा योगाभ्यास प्रदर्शन के साथ योगाभ्यास के माध्यम से नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया। जिसमें जन सामान्य, स्वैच्छिक संस्थाओं ने उत्साह से भाग लिया।
छत्तीसगढ़ को नशामुक्त बनाने ली गई शपथ
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