दुर्ग / देश जहां करोना कि दूसरी लहर के दंश से अभी उबर भी नहीं पाया है वही करोना की तीसरी लहर की आहट से पूरा देश जहाँ सहम हुआ है वही दुर्ग जिले में जहा आज भी कोरोना के संक्रमण के फैलने के दृष्टी से दुकानों के खोले बंद किये जाने को लेकर समय निर्धारित है उसी तरह रविवार के लिए अलग नियम बनाएं गए है, जिला कलेक्टर के द्वारा लिए गए निर्णय से दुर्ग जिले में अब कोरोना का कहर थम सा गया है लेकिन उसके बाद भी जिला कलेक्टर किसी भी प्रकार की संक्रमण फैलने की हर सम्भावना पर अपनी नजर बनाए हुए है, ऐसे में आज दुर्ग भाजपा की राष्ट्रीय नेता डॉक्टर सरोज पांडे का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा है, उसे देखकर लगता है कि आज का दिन दुर्ग के लिए खास होगा, क्योकि जन्मदिन को लेकर जिस तरह हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओ का हुजूम जल परीसर बंगले में लगा हुआ है उसको देखकर ऐसा लगता है की जिला प्रशासन ने शायद कोरोना को एक दिन की छुट्टी दे दी होगी, क्योकि दुर्ग शहर में कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करवाने वाले निगम आयुक्त के निवास के सामने दिन भर लोगो का हुजूम लगा रहा, जहा किसी ने मास्क पहनना जरुरी समझा और ना किसी ने सोसल डिस्टेंस का पालन किया
दुर्ग में आज कोरोना की एकदिवसीय छुट्टी पर जिस प्रकार से बीजेपी कार्यकर्ता भीड़ में शामिल होकर विभिन्न नेताओं के जिंदाबाद के नारे के साथ रैलियों के साथ डॉक्टर सरोज पांडे का जन्मदिन मनाने के लिए जल परीसर बंगले पर जिस भीड़ के साथ पहुंची उसे देख कर ऐसा लगता है कि जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के लिए कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करवाने सिर्फ आम जनता पर कार्यवाही की जाती है, आज अगर किसी गरीब के घर विवाह का कार्यक्रम हो और 50 से ज्यादा व्यक्ति हो जाए तो पूरा प्रशासन कार्यवाही करने के लिए तत्पर रहता है किंतु वही सारे प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए डॉक्टर सरोज पांडे के जन्मदिन पर जिस तरह से भीड़ प्रदेश के अन्य हिस्सों से आई उसे देखकर लगता है कि आज दुर्ग जिले में कोरोना की छुट्टी कर दी गई है और जिस तरह से विभिन्न नेताओं के जयकारे गूंज रहे थे उसको देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे जन्मदिन जन्मदिन ना होकर शक्ति प्रदर्शन चल रहा हो बहरहाल ये तो जिला प्रशासन ने सिद्ध कर दिया की जनप्रतिनिधियों को कोरोना नहीं होता है कोरोना सिर्फ आम जनता से सिर्फ आम जनता में ही फैलता है ! या फिर शायद कोरोना को एक दिवसीय छुट्टी दे दी गई हो !
देश में करोना की पहला वा दुसरी लहर जब आई तो केंद्र व सभी राज्यों के करोना को कंट्रोल करने में पसीने छूट गये ,चाहे वो हास्पिटल में नार्मल बेड की कमी हो या फिर आईसीयू ,वेन्टीलेटर की कमी ऑक्सीजन की कमी से देश की जनता किस तरह से जूझ रहा था ये देश की जनता से ज्यादा कोई नही जानता हैतब से लेकर आज तक देश विदेश के हर एक समाचार पत्र हो या TV चैनलों में देश के प्रधानमंत्री हो या डॉ हो हर कोई देश की जनता से सुबह से लेकर रात तक देश की जनता से यही अपील कर रहे है कि सोसल डिस्टेंसिंग का पालन करे ,मास्क लगाए ,हाथों को सेनेटाइज करे ,जब तक जरूरी ना हों घर से बाहर ना निकले ,जबतक दवाई नही तबतक ढिलाई नही पर आज जो दुर्ग में जो नजारा था वो इन सब अपीलों को अगूंठा दिखता नजर आ रहा था की ये सब अपील केवल देश की आम जनता के लिए है देश के खास जानो के लिए नही है
देश की जनता ये लगा तार देख रही है कि कुछ खास v vip करोना प्रोटोकॉल को अपने हितों को साधने के लिए अपने हिसाब से तोड़ते है और देश की जनता को सारे नियम मानने को कहते है गाहे बगाहे कहीं पर जनता से करोना प्रोटोकॉल पालन नही करने पर आपदा कानून के तहत उनपर जुर्माना या जेल जाता हैं या तत्काल वहीँ पर दंडित किया जाता हैं परंतु जहाँ पर देश के नेताओं की बात आते ही प्रशासन उनके सामने बौनी नजर आने लगती हैं क्या सारे नियम कानून केवल देश की जनता के लिए हैं देश के vvip के लिए नही है आज के घटनाक्रम को देख कर तो यही लगता हैं ये देश की जनता के लिए एक प्रश्नवाचक चिन्ह है ???????