दुर्ग : दिनांक- २९/११/२०२१ को केंद्र सरकार द्वारा २०१७ से लाई गयी जी एस टी क़ानून के विसंगतियों जैसे कि मनमानी पेनल्टी, मनमानी ब्याज का लगाना एवं रिवाइज्ड रिटर्न भरने का अवसर न देने जैसी समस्याओं के विरोध में स्टेट जी एस टी कार्यालय एवं सेंट्रल जी एस टी कार्यालय के समक्ष दुर्ग टैक्स बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया । साथ ही समस्याओं के सम्बन्ध में स्टेट जी एस टी कार्यालय एवं सेंट्रल जी एस टी कार्यालय के कमिश्नर को ज्ञापन दिया गया एवं उनसे मांग की गयी की उपरोक्त समस्याओं की ओर सरकार के इस मनमाने रवैये के प्रति ध्यान आकर्षण करावें ।
प्रदर्शन में मुख्य रूप से संघ के महासचिव एस एन यदु, उपाध्यक्ष प्रभांक ठाकुर, सहसचिव मनोज ताम्रकार, कोषाध्यक्ष आशीष मढ़रिया, संरक्षक विनोद पाटनी एवं के सी देशमुख, एवं कार्यकारी सदस्य नरेंद्र शर्मा, दिनेश वर्मा, बलभद्र कुमार वर्मा, एवं टैक्स बार एसोसिएशन के सम्मानीय सदस्य धर्मेंद्र शाह, एल एन नेमा, भागवत गिरी गोस्वामी, जयंत श्रीवास्तव, ओंकार सिंह चवन, मो आबिद नूर खान एवं मो सलीम विशेष रूप से उपस्थित थे ।
चाणक्य ने कहा था “कोष मूलः दंड” अर्थात कोष दंड के सामान होता है , पर जो करदाता है वह शासन का सहयोगी होता है । जैसे फूलों से मधुमक्खी रस लेती है वैसे ही सरकार को कर लेना चाहिए परन्तु हमारी भारत सरकार तो जोंक की तरह टैक्स वसूल रही है । टैक्स बार एसोसिएशन इसका विरोध करती है एवं सरकार से अपील करती है कि जी एस टी कि जटिलता को दूर करे- अधिवक्ता प्रभांक ठाकुर, उपाध्यक्ष, टैक्स बार एसोसिएशन, दुर्ग