नई दिल्ली । टीम इंडिया के युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे में शानदार प्रदर्शन कर सबका ध्यान खींचा है। वहीं शुभमन शुरुआत में बाउंसरों से घबराते थे। इसके बाद उन्होंने बहुत तैयारी की और अब वह आसानी से बाउंसरों का सामना कर लेते हैं। इस युवा बल्लेबाज ने कहा कि जब मैं छोटा था, तो मुझे बाउंसरों से डर लगता था। मैं पहले से ही सीने तक आने वाली गेंदों के लिए तैयार रहता था। मैं ड्राइव का बहुत अभ्यास करता था इसलिए मैं स्ट्रेट बैट से पुल शॉट खेलने में माहिरा हो गया। मैंने एक और शॉट भी विकसित किया, जहां मैं पीछे हटकर कट खेलता हूं। मुझे शॉर्ट डिलीवरी से डर लगता था इसलिए मैं हमेशा कट शॉट खेलने के लिए गेंद की लाइन से दूर होना चाहता था। ये दो-तीन शॉट हैं जो मुझे बचपन में पसंद थे और अब मेरी जिंदगी का एक हिस्सा बन गए हैं
साथ ही कहा कि जब आप गेंद को खेलते रहते हैं तो आपका डर खत्म हो जाता है। आप केवल तब तक डरते हैं जब तक आपको झटका नहीं मिलता लेकिन एक बार जब आप टिक जाते हो तो आपको ऐसा लगता है कि यह बहुत सामान्य था। फिर आप डर को पूरी तरह से खत्म कर देते हो। मैं 9 साल का था जब मुझे एक उच्च आयु वर्ग के मैच में खेलने के लिए कहा गया था। हमारी अकादमी में एक गेंदबाज था जो वास्तव में तेज था। मैं उसके खिलाफ बल्लेबाजी कर रहा था और डर रहा था कि मुझे शुरू करने के लिए बाउंसर मिलेगा। इसलिए मैंने पहले से तय कर लिया था कि मैं इसे डक कर दूंगा। मुझे एहसास हुआ कि वह इतना तेज नहीं था। जल्द ही मैंने 2-3 चौके मारे। इससे मुझे अपने आत्मविश्वास का स्तर बढ़ाने में मदद मिली। इस घटना ने लेदर गेंद की बाउंसरों के लिए मेरे दिल से सभी तरह के डर को खत्म कर दिया।
शुरुआत में बाउंसर से डरते थे शुभमन
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