नई दिल्ली | ठंड और कोहरे के चलते उत्तर भारत का बुरा हाल है। कोहरे की मोटी चादर अब दुर्घटनाओं का कारण बनने लगी है। ऐसा ही कुछ हुआ जब पश्चिम बंगाल में कल रात जलपाईगुड़ी जिले के धुपगुरी शहर में कोहरे के चलते लो विजीबिलीटी के कारण एक दुर्घटना में 13 लोगों की मौत हो गई। घायलों को अस्पताल ले जाया गया। इधर, बीते कई दिनों से देश की राजधानी दिल्ली भी ठंड का कहर झेल रही है। सोमवार सुबह भी जब दिल्ली में आंखे खोली तो सब धुंधला दिखा, दिल्ली पर कोहरे की घनी चादर दिखाई दी। कश्मीरी गेट और मजनू का टीला इलाके में इतना कोहरा था कि आने-जाने वालों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने भी जानकारी दी कि दिल्ली में सुबह के समय कोहरे की एक परत बनी हुई है। दिल्ली हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर कोहरा देखने को मिला है। कोहरे के साथ-साथ शीत लहर और सर्दी ने भी दिल्ली वालों पर कहर बरसाया है, ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिल सकती है।
कोहरे के चलते देरी से चल रही ट्रेनें
सोमवार को उत्तर रेलवे (एनआर) मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने ये जानकारी दी कि कोहरे के चलते लो विजिबिलीटी के कारण 26 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। रविवार को कोहरे की वजह से नई दिल्ली-प्रयागराज खंड में लगातार चौथे दिन एक दर्जन से अधिक ट्रेनें घटों विलंब से आईं। प्रयागराज एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, वंदे भारत जैसी ट्रेनें खंड के ट्रैक पर रेंगती रहीं। नई दिल्ली से प्रयागराज आने वाली ट्रेनें बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। खंड में सबसे तेज चलने वाली ट्रेन नई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत लगभग तीन घंटे विलंब से आई तो इसकी वापसी समय से नहीं सकी। वाराणसी से नई दिल्ली जाने वाली वंदे भारत भी दो घंटे 20 मिनट लेट हो गई। इसी तरह ऊंचाहार एक्सप्रेस चार घंटे विलंब से आई तो वापसी यात्रा तीन घंटे विलंब से हुई।