सूरत(ए)। गुजरात के सूरत की एक अदालत ने लूट के आरोप में गिरफ्तार तीन लोगों को यातना देने पर चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया। पांचवीं अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी श्रद्धा एन फल्की की अदालत ने तीनों आरोपियों के बयानों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेकर आपराधिक जांच की। इसके बाद उन्होंने 26 मार्च को पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने और उन्हें तलब करने का आदेश दिया। अदालत ने पाया कि प्रथम दृष्टया पुलिसकर्मियों कॉन्स्टेबल वानर, जयपाल सिंह, नारायण सिंह और पुलिस वैन चालक शैतान सिंह ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और आपराधिक धमकी देने से जुड़ा अपराध किया है।
हाथ-पैर पर बेल्ट और पीठ पर कमड़े में लिपटे डंडे से पीटा
अदालत ने लूट के तीनों आरोपियों सौरभ शर्मा (19), राकेश वाघ (22) और सुबोध रमानी (23) ने और एक डॉक्टर के बयानों पर विचार किया। इसके साथ साक्ष्य के तौर पर मेडिकल रिकॉर्ड समेत कई दस्तावेजों पर भी गौर किया। डकैती के तीन संदिग्धों ने बताया कि सूरत के सचिन पुलिस स्टेशन में उनके हाथ-पैर बेल्ट से और पीठ पर कपड़े में लिपटे डंडे से पीटा गया।

अदालत में शिकायत दर्ज कराने पर मामला दर्ज करने की दी धमकी
पुलिसकर्मियों ने उन्हें अदालत में शिकायत दर्ज कराने पर गुजरात आतंकवाद नियंत्रण और संगठित अपराध अधिनियम, 2015 के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी भी दी थी। इन तीनों आरोपियों को 28 जनवरी की रात को ज्ञानेश्वर सपकाल से 89,820 रुपये मूल्य के सोने के पेंडेंट और गले की चेन लूटने के आरोप में गिरफ्तार किया था।