लंदन । ब्राजील में वायरस का बेहद जानलेवा स्वरूप सामने आया है। गत वर्ष अस्पताल में भर्ती 40 फीसदी मरीजों की मौत हो गई। यह पता चला है एक नई रिसर्च में। अब इस वायरस का ज्यादा संक्रामक नया स्ट्रेन फैलना शुरू हो गया है। यह वायरस पहले ही अमेरिका पहुंच चुका है जिससे दुनिया में दहशत का माहौल बनता जा रहा है। वहीं, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सुपर कोविड-19 वायरस का यह नया स्ट्रेन कोरोना वैक्सीन को भी मात दे सकता है। माना जा रहा है कि इसी खतरे से जूझ रहे ब्राजील के राष्ट्रपति ने भारत से जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन मंगवाई है।
ब्रार्सीलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के ताजा शोध से पता चला है कि देश के उत्तरी और उत्तरी-पश्चिमी इलाके में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद कमजोर हैं और बहुत कम लोगों तक ही स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच है। इस सुपर कोविड के नए रूप से इन इलाकों में कोरोना से मौतों का खतरा बढ़ता जा रहा है। शोध में कहा गया है कि उत्तरी और पश्चिमोत्तर इलाके में कोविड-19 से देश के दक्षिणी इलाके के मुकाबले मौत का ज्यादा खतरा है। यह जानने का अभी कोई जरिया नहीं है कि इस इलाके में संक्रमित मरीज कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से संक्रमित थे या नहीं। ब्राजील का सुपर कोरोना वायरस स्ट्रेन ब्रिटेन पहुंच चुका है जो पहले ही कोरोना के नए स्ट्रेन से बेहाल है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कहना ठीक नहीं होगा कि ब्राजील का सुपर कोरोना वायरस अमेरिका तक नहीं पहुंचा होगा। अब तक ब्राजील में 83 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। करीब दो लाख से ज्यादा लोग इस महमारी से ब्राजील में मारे जा चुके हैं। ब्राजील के जिस अमेजन राज्य से कोरोना का यह नया स्ट्रेन फैला है, वहां पर कोविड-19 के मरीजों से अस्पताल पट गए हैं। पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। ब्राजील के उपराष्ट्रपति हैमिल्टन मोउराओ ने सुपर कोविड को इन मौतों और मामलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। मौतों के मामले में अब ब्राजील केवल अमेरिका से ही पीछे है। ब्राजील में कोरोना के केस लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। हालत यह है कि ऑक्सीजन खरीदने के लिए लंबी-लंबी लाइन लग रही है।
शोध के दौरान साल 2020 में फरवरी से अगस्त के बीच में ढाई लाख से ज्यादा कोरोना मरीज अस्पताल में भर्ती कराए गए। इनमें से करीब 47 फीसदी मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 60 साल से कम थी। ज्यादातर जगहों पर कोरोना वायरस से बीमार होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराए जाने वाले लोग बुजुर्ग थे। शोध से पता चला है कि मारे गए ज्यादातर लोग बुजुर्ग थे। ब्राजील में अस्पताल में भर्ती 38 प्रतिशत मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई। अमेरिका में यह आंकड़ा करीब 20 फीसदी है। पूरे ब्राजील में 60 साल से कम उम्र के लोगों के मरने का आंकड़ा 15 प्रतिशत है। शोध में कहा गया है कि उत्तरी और पश्चिमोत्तरीय इलाके में स्वास्थ्य सुविधाएं बहुत खराब हैं, इसलिए वहां ज्यादा मौत हुई है।गौरतलब है कि कोरोना वायरस का यह नया रूप ब्राजील के एक राज्य अमेजोनास से दुनियाभर में फैलना शुरू हुआ है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि यह सुपर कोविड वायरस गत वर्ष जुलाई महीने से ब्राजील में फैल रहा है।
नया स्ट्रेन कोरोना वैक्सीन को भी दे सकता है मात
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