Home मनोरंजन विवेक ओबेरॉय के साले आदित्य अल्वा को CCB ने गिरफ्तार किया, 4 सितंबर को दर्ज हुई FIR के बाद से थे फरार

विवेक ओबेरॉय के साले आदित्य अल्वा को CCB ने गिरफ्तार किया, 4 सितंबर को दर्ज हुई FIR के बाद से थे फरार

by admin

सैंडलवुड ड्रग्स रैकेट,

सैंडलवुड ड्रग्स मामले बेंगलुरु सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) ने विवेक ओबेरॉय के साले आदित्य अल्वा को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट्स की मानें तो उनकी गिरफ्तारी सोमवार को आधी रात को हुई। आदित्य कर्नाटक सरकार में मंत्री रहे दिवंगत जीवराज अल्वा के बेटे हैं। उनका नाम कन्नड़ एक्टर-एक्ट्रेसेस को ड्रग्स उपलब्ध कराने वाले उन 12 लोगों में शामिल है, जिनके खिलाफ 4 सितंबर को कॉटनपेट पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुई थी। अल्वा तभी से फरार चल रहे थे।

पुलिस ने अपने बयान में यह कहा

अपने बयान में जॉइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) ने कहा, “कॉटनपेट ड्रग केस में फरार आरोपी आदित्य अल्वा को गिरफ्तार किया जा चुका है। लगातार उनकी तलाश और जांच की जा रही थी। सूचना मिलते ही उन्हें कल रात चेन्नई से अरेस्ट किया गया।” पुलिस के मुताबिक, आदित्य मामले में आरोपी नं. 6 हैं। एफआईआर में उन्हें लेकर लिखा गया है कि वे 5 जुलाई को येलहेंका में प्राइवेट होटल में हुई पार्टी में शामिल थे।

विवेक के घर पर हुई थी छापेमारी

20 सितंबर को CCB ने हेब्बल, नॉर्थ बेंगलुरु स्थित अल्वा के निवास पर छापा मारा था। इससे पहले उन्हें लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। अक्टूबर 2020 में पुलिस ने अल्वा की तलाश में विवेक ओबेरॉय के मुंबई निवास पर छापा मारा और अभिनेता की पत्नी प्रियंका अल्वा को नोटिस देकर उन्हें जांच में सहयोग देने के लिए कहा था।

इन 12 लोगों के खिलाफ दर्ज है केस

इस केस में पहली गिरफ्तारी ट्रांसपोर्ट अधिकारी बीके रविशंकर की हुई थी। रविशंकर कन्नड़ एक्ट्रेस रागिनी द्विवेदी का करीबी बताया जाता है। उसी से पूछताछ के आधार पर 12 लोगों एक्ट्रेस रागिनी द्विवेदी, उनके पूर्व फ्रैंड शिवप्रकाश, पार्टी ऑर्गेनाइजर विरेन खन्ना, बिजनेसमैन प्रशांत रांका, वैभव जैन, आदित्य अल्वा, अफ्रीकन ड्रग सप्लायर लोम पेपर सांबा, प्रशांत राजू, अश्विन, अभिस्वामी, राहुल टोंसे और विनय के खिलाफ केस दर्ज किया गया। क्राइम ब्रांच ने रागिनी और शिवप्रकाश को मुख्य ड्रग पैडलर बताया है।

पैडलर कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे

जांच के मुताबिक, पैडलर ड्रग्स के कारोबार के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे। ज्यादा नशे वाली ड्रग्स के लिए हैलो किटी कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता था। दिलचस्प बात ये है कि आरटीओ में कर्मचारी रहे रविशंकर का नाम एफआईआर में नहीं है। रविशंकर ने बताया का अफ्रीकन ड्रग सप्लायर सांबा ने शहर के कई इलाकों में हुई पार्टियों में ड्रग्स सप्लाई की थी। पुलिस रागिनी द्विवेदी, संजना गलरानी, विरेन खन्ना, एजेंट राहुल टोंसे को भी गिरफ्तार कर चुकी है।

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