Home छत्तीसगढ़ हैदराबाद में बैठे माओवादियों के इशारे पर नहीं होगी बातचीत, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बोले-बेहतर है हमारी नक्सल पुनर्वास नीति

हैदराबाद में बैठे माओवादियों के इशारे पर नहीं होगी बातचीत, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बोले-बेहतर है हमारी नक्सल पुनर्वास नीति

by admin

रायपुर। हैदराबाद में बैठे माओवादियों के आकाओं के इशारे पर बातचीत नहीं हो सकती। उनके निर्देश पर केंद्र और राज्य सरकार शांतिवार्ता नहीं कर सकते। इसके लिये छत्तीसगढ़ के नक्सल संगठन को आगे आने होगा। नक्सलियों को लेकर देश में सबसे बेहतर छत्तीसगढ़ की नक्सल पुनर्वास नीति है। ये बातें छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा ने आज गुरुवार को न्यू सर्किट हाउस सिविल लाइन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं। सीएम साय ने कहा कि नक्सल आंदोलन की रीढ़ कहे जाने वाले माओवादियों का महासचिव बसव राजू मारा गया। उसकी गिनती माओवादियों के शीर्ष नेता के रूप में होती थी। उस पर सवा तीन करोड़ का इनाम घोषित था। छत्तीसगढ़ सरकार ने एक करोड़, गृह मंत्रालय भारत सरकार ने एक करोड़. एनआईए ने 50 लाख, आंध्र प्रदेश सरकार ने 25 लाख और ओडिशा सरकार ने 25 लाख रुपये के इनाम घोषित किए थे। तीन दशकों में पहली बार जनरल सेक्रेटरी रैंक का कोई माओवादी मारा गया है। यह जवानों की बहुत बड़ी सफलता है। इससे नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है। नक्सलियों की कमर टूटी है। इसके लिए सुरक्षा बल के जवानों की बधाई देता हूं। हमें उन पर गर्व है अपने जवानों पर। कई महीने से जवानों को इनपुट मिल रहे थे कि कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में नक्सली एकत्र हैं। वहां पर जवानों ने 21 दिनों तक ऑपरेशन चलाकर 31 नक्सलियों को मार गिराया। मैं खुद ही नक्सल कैंप दलगम में जाकर जवानों से मुलाकात की थी।

नक्सलियों के पुनर्वास के लिए सरकार बेहतर काम कर रही’
उन्होंने कहा कि नक्सलियों के पुनर्वास के लिए सरकार बेहतर काम कर रही है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को रोजगार के लिये प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उनके बच्चों को एजुकेशन दिया जा रहा है। नौकरी देने का भी काम किया जा रहा है। कोई इनामी नक्सली अगर सरेंडर करता है तो उसे शहरी क्षेत्र में 4 डिसमिल और ग्रामीण क्षेत्र में एक हेक्टर डिसमिल जमीन देने का प्रावधान है।

अब तक 424 नक्सली ढेर, 1430 गिरफ्तार और 1355  ने किया सरेंडर
राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि अबूझमाड़ के नक्सल ऑपरेशन में नक्सलियों का महासचिव और सवा तीन करोड़ का इनामी नक्सल बसवराजू उर्फ गगन्ना मारा गया। वहीं दो जवान वीरगति को प्राप्त हुए हैं। अब तक 424 नक्सली मारे गये हैं। 1430 नक्सली गिरफ्तार और 1355  नक्सलियों ने सरेंडर किया है। गिरफ्तार होने वाले नक्सलियों की अपेक्षा समर्पण की संख्या ज्यादा है। बीजेपी सरकार आने के बाद डेढ़ साल से प्रदेश में नक्सली ऑपरेशन चल रहा है।

‘हैदराबाद में बैठे नक्सलियों के आकाओं के इशारे पर नहीं होगी बातचीत’
गृहमंत्री ने कहा कि नक्सली बस्तर में आम लोगों की जान से खेल रहे हैं। वो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा हैं हैं। वो गाड़ियों में, बसों में आग लगा रहे हैं। स्कूल, कॉलेजों के भवनों को विस्फोट कर उड़ाने वाले बस्तर में विकास को नहीं पहुंचने दे रहे हैं। वह लोग जो हैदराबाद में व्यक्तिगत या ग्रुप में बैठकर सरकारों को निर्देशित करते हैं कि केंद्र और राज्य की सरकारों को ये-ये करना चाहिए। ऐसे लोगों से कोई चर्चा बातचीत कभी नहीं हो सकती। वे बस्तर के विकास के लिए कभी नहीं खड़े हो सकते। माओवादी चाहे तो सरकार से बात करें। मुख्यमंत्री साय के निर्देशानुसार सरकार काम करेगी। हम एक भी गोली नहीं चलाना चाहते। खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी नक्सलियों से आग्रह किया था कि वो मुख्यधारा में शामिल हो जाएं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने बनाई है देश की सबसे बेहतर पुनर्वास नीति 
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ समेत देश को नक्सलवाद से मुक्त करना है इसी को लेकर सरकार कार्य कर रही है। बस्तर में विकास होगा। वहां के कोने-कोने तक भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू होगा। उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने बस्तर में लोगों को बंधक बनाकर रखा है। यह नक्सली बस्तर के आदिवासियों की हत्या करते हैं। यात्री बस को विस्फोट कर उड़ा चुके हैं। कई बस्तियों को आग के हवाले कर दिया। इसमें आठ माह के बच्चे भी जलकर मरे थे। टाड़मेटला समेत कई ऐसी घटनायें हैं जिसमें नक्सलियों ने आतंक मचाया था। बस्तर के पीड़ितों ने इस मामले को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना देकर राष्ट्रपति से भी मिल चुके हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने देश की सबसे बेहतर पुनर्वास नीति बनाई है। इससे अच्छी पुनर्वास नीति देश में कहीं भी नहीं है। नक्सलमुक्त गांव को विकास के लिये एक करोड रुपए का फंड देने का प्रावधान है। इसके साथ ही सीएम साय के निर्देश पर कई योजनाएं उसमें जोड़ दी गई है। जैसे-मुख्यमंत्री बस योजना, मुख्यमंत्री मोबाइल टावर योजना, बिजली कनेक्शन आदि। बस्तर ओलंपिक,बस्तर पंड्डुम, नियद नेल्लनार योजना से नक्सल पीड़ितों, मुख्यधारा में लौटे नक्सलियों को  पीएम आवास समेत सुविधायें दी जा रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा, डीजीपी अरुणदेव गौतम, बस्तर आईजी सुंदरराज पी समेत कई अधिकारी रहे मौजूद रहे।

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