नईदिल्ली(ए)। तेलंगाना अनुसूचित जातियों के लिए तय आरक्षण में जातिगत वर्गीकरण लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती पर राज्य की कांग्रेस सरकार ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं। सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने यह जानकारी दी।राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस शमीम अख्तर की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था। जिसकी सिफारिशों के आधार पर वर्गीकरण लागू किया गया है। आयोग ने सिफारिश की थी कि राज्य की 59 अनुसूचित जातियों को तीन श्रेणियों में विभाजित कर उन्हें राज्य की नौकरियों और शिक्षा में 15 फीसदी आरक्षण दिया जाए। विधानसभा ने जस्टिस अख्तर आयोग की सिफारिशों को फरवरी में मंजूर कर लिया था, हालांकि आयोग की ओर से क्रीमी लेयर को आरक्षण से बाहर रखने की सिफारिश नहीं मानी गई थी। अनुसूचित जाति आरक्षण विधेयक 2025 पिछले महीने पारित किया गया था। सरकार के आदेश में कहा गया है, कानून को राज्यपाल ने 8 अप्रैल को मंजूरी दी और इस मंजूरी की सूचना को आम लोगों की जानकारी के लिए 14 अप्रैल को तेलंगाना गजट में प्रकाशित किया गया। एससी वर्गीकरण का फैसला तेलंगाना हाईकोर्ट ने दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल इस फैसले को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह वर्गीकरण लागू करने वाला तेलंगाना पहला राज्य बन गया है।
15 जातियों को 1, 18 को नौ और 26 को पांच फीसदी आरक्षण
आदेश के अनुसार पहली श्रेणी में 15 जातियों को एक फीसदी, दूसरी में में 18 फीसदी जातियों को 9 फीसदी और तीसरी श्रेणी में 26 जातियों को पांच फीसदी आरक्षण दिया गया है। जस्टिस अख्तर आयोग ने इन जातियों का वर्गीकरण उनकी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति के आकलन के आधार पर किया है। रेड्डी ने कहा, आज और अभी से तेलंगाना में नौकरी और शिक्षा में एससी वर्गीकरण लागू हो गया है। हमने सरकारी आदेश जारी कर दिया है और पहली प्रति मुख्यमंत्री को सौंप दी है।
