Home छत्तीसगढ़ जब मन सच्चा होता है, तो बनती हैं जनता की जिंदगी बदलने वाली योजनाएं: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

जब मन सच्चा होता है, तो बनती हैं जनता की जिंदगी बदलने वाली योजनाएं: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रोजगार और उद्यमिता के अवसर बढ़ाने उच्च शिक्षा, पशुपालन और ग्रामोद्योग पर विशेष फोकस: मुख्यमंत्री श्री साय

by admin

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से संबंधित विभागों की वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 19,643 करोड़ 78 लाख 42 हजार रुपए की अनुदान मांगें छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज चर्चा उपरांत ध्वनिमत से पारित हुईं। इस चर्चा में पक्ष एवं विपक्ष के विधायकों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर हुई चर्चा के अंत में कहा कि यह बजट छत्तीसगढ़ की प्रगति और विकासशील छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ बनाने की ओर ले जाने वाला बजट है। हमने अपने अधीन सभी विभागों में जनकल्याण और विकास के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और इसके लिए बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक राशि का प्रावधान किया है।

 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जब आपका मन सच्चा हो और संवेदनशीलता हो, तभी ऐसी योजनाएं बनती हैं जिनसे आम जनता के जीवन में वास्तविक बेहतरी आती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारा संकल्प दृढ़ है, इरादे बुलंद हैं और लक्ष्य स्पष्ट है। वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को साकार करने हम निरंतर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

  • ज्ञान से गति की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले सवा साल से लगातार छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार का पहला बजट ‘ज्ञान’ अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति को समर्पित था। इस वर्ष का बजट ‘ज्ञान के लिए गति’ पर आधारित है, जिसका अर्थ गुड गवर्नेंस, एक्सेलरेटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल ग्रोथ है।

  • भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, मैनुअल फाइल सिस्टम होगा खत्म

श्री साय ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की मूल जड़ मैनुअल फाइल प्रणाली को खत्म करने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली आगामी 1 अप्रैल से लागू होगी। ई-ऑफिस के लिए बजट में 22 करोड़ 67 लाख रुपए का प्रावधान है। अब फाइलें कंप्यूटर पर चलेंगी और तय समय सीमा में उनका निपटारा होगा।

  • जो पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था, अब जनकल्याण में लग रहा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि आबकारी विभाग के राजस्व में सुधार इस बात का उदाहरण है कि जो पैसा पिछली सरकार में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था, वह अब जनकल्याण में लग रहा है। वर्ष 2019-20 में आबकारी राजस्व 4,952.79 करोड़ था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 9,573 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। हमने सभी प्रकार के लायसेंस की समस्त प्रक्रिया को इज ऑफ डूईंग बिजनेस के तहत ऑनलाईन किया। समस्त प्रकार की शराब के परमिटों को भी ऑनलाईन किया गया, जिससे कर की चोरी नहीं की जा सकेगी। हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा विदेशी शराब की थोक खरीदी-बिक्री की प्रक्रिया को पुनः लागू किया। इससे विदेशी शराब की सप्लाई में मध्यस्थों का अंत हुआ। हमारी सरकार बनने के बाद हमने निर्णय लिया कि होलोग्राम के संबंध में किसी भी प्रकार की अनियमितता को दूर रखने के लिए सीधे शासकीय मुद्रणालय से होलोग्राम प्राप्त किया जाए। विभाग के 33 जिला स्तरीय उड़नदस्तों के लिए 425 नवीन पद स्वीकृत हुए हैं, जिसके लिए 19 करोड़ का बजट रखा गया है।

  • सुशासन और अभिसरण विभाग: पारदर्शिता और जवाबदेही का नया युग

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन को बढ़ावा देने के लिए अनूठी पहल करते हुए हमने सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना की है। प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार के लिए नवगठित ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ को 74.37 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। लोक प्रशासन में उत्कृष्टता हेतु मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना के लिए 1 करोड़, नवाचार प्रोत्साहन हेतु 4 करोड़, मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना के लिए 7.20 करोड़, तथा अटल मॉनिटरिंग डैशबोर्ड के लिए 12 करोड़ रुपए का बजट है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नागरिकों की बढ़ती अपेक्षाओं और शिकायत निवारण प्रणाली में सुधान की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एक आधुनिक और एकीकृत ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन’ प्रणाली के लिए 22 करोड़ और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से सीधे आम जनता से फीडबैक लेने के लिए एकीकृत नागरिक डाटाबेस बनाने और नागरिक कॉल सेंटर स्थापित करने के लिए ‘जनसंवाद’ कार्यक्रम के लिए 13 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

  • परिवहन एवं ग्रामीण बस योजना: हर गांव का होगा सड़क से जुड़ाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश की जनता को परिवहन से संबंधित सुगम सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। परिवहन विभाग के लिए कुल 209 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट रखा गया है। प्रदेश में ‘लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ सुनिश्चित करने के लिए ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहां आवागमन सुविधा नहीं है, ग्रामीण बस सेवा प्रारंभ की जाएगी, जिसके लिए 25 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। इससे ग्रामीण अपने रोजमर्रा के कार्य, शिक्षा व इलाज के लिए आसानी से आ-जा सकेंगे, आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्रथम चरण में बस्तर एवं सरगुजा संभाग का चयन इस योजना के लिए किया जाएगा। रायपुर में आधुनिक ड्राइविंग लाइसेंस केंद्र हेतु 1.33 करोड़ रुपए का प्रावधान है।

  • वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा छत्तीसगढ़

प्रदेश की सुंदर संस्कृति और प्राकृतिक परिवेश को वैश्विक पहचान दिलाने और राज्य के नागरिकों को सस्ती विमान सेवा उपलब्ध कराने के लिए विमानन सेवाओं के विस्तार व संचालन के लिए 40 करोड़ रुपए की राशि बजट में रखी गई है। जगदलपुर, बिलासपुर एवं अम्बिकापुर एयरपोर्ट के संधारण हेतु 10 करोड़ और बिलासपुर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग उपकरण की सुविधा हेतु 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

  • आईटी क्षेत्र में नवाचार और डिजिटल क्रांति

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के बजट में 42 प्रतिशत वृद्धि के साथ 380 करोड़ रुपए का प्रावधान है। डेटा एनालिटिक्स पर पीजी प्रोग्राम हेतु 10 करोड़, मुख्यमंत्री आईटी इंटर्नशिप योजना हेतु 5 करोड़, नेटवर्क क्रांति योजना हेतु 5 करोड़ और साइबर सिक्योरिटी सेंटर हेतु 5 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

  • ऊर्जा क्षेत्र में तीन लाख करोड़ के निवेश का रोडमैप

प्रदेश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने अगले 5-7 वर्षों में करीब 3 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। परमाणु ऊर्जा में 80 हजार करोड़ से 4200 मेगावाट, ताप विद्युत में 1 लाख 7 हजार 840 करोड़ से 12,100 मेगावाट, सौर ऊर्जा में 10 हजार करोड़ से 2500 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं लगेंगी। आगामी वर्ष में 50 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर भी लगाए जाएंगे।

  • शिक्षा के विकास में अभूतपूर्व बढ़ोतरी

स्कूली शिक्षा के लिए कुल 22,473 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.02 प्रतिशत अधिक है। छात्रवृत्ति हेतु 248.05 करोड़, निःशुल्क गणवेश हेतु 65 करोड़, पाठ्यपुस्तकों हेतु 144.50 करोड़, पीएम पोषण शक्ति हेतु 690.70 करोड़, पीएमश्री स्कूलों हेतु 277.84 करोड़ का बजट रखा गया है। प्रदेश में वर्ष 2030 तक शत-प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य है, जिसके लिए 8.63 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विधानसभा में कहा कि रोजगार के बेहतर अवसर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा के बजट में 50 प्रतिशत वृद्धि करते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,822 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों जैसे करडेगा, फरसाबहार (जशपुर), नगरनार, किलेपाल (बस्तर), ग्राम कंतेली (मुंगेली) एवं रामकृष्ण मिशन आश्रम (नारायणपुर) में नवीन महाविद्यालय स्थापना हेतु 6 करोड़ रुपए का प्रावधान है। रायगढ़ में नवीन संगीत महाविद्यालय तथा शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय की स्थापना हेतु 2 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।

  • पशुपालन के जरिए स्वरोजगार बढ़ाने 748.85 करोड़ का बजट, डेयरी सेक्टर में बड़े बदलाव की तैयारी

पशुपालन को प्रोत्साहित करने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए 748.85 करोड़ रुपए (15.32 प्रतिशत वृद्धि) का बजट प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया है, जिसके तहत राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ के प्रबंधन का जिम्मा एन.डी.डी.बी. को दिया गया है। डेयरी विकास के लिए बजट में 62.24 करोड़ रुपए, आदिवासी परिवारों को डेयरी व्यवसाय से जोड़ने हेतु 7.62 करोड़ रुपए, नवीन पशु औषधालय खोलने हेतु 3.40 करोड़ रुपए, तथा 20 पशु चिकित्सा भवन निर्माण हेतु 3 करोड़ रुपए रखे गए हैं। कुक्कुट पालन हेतु 5.44 करोड़, सूकर पालन के लिए 2 करोड़ तथा बकरी पालन हेतु 1.80 करोड़ रुपए का प्रावधान है।

  • मछलीपालन में आधुनिक तकनीक से बढ़ेगी आय, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

मत्स्य पालन विभाग के लिए 247.43 करोड़ रुपए (3.52 प्रतिशत वृद्धि) का बजट प्रावधान किया गया है। बलरामपुर, मोहला-मानपुर-चौकी, और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में सरकुलर हैचरी निर्माण हेतु 75 लाख रुपए, मात्स्यिकी महाविद्यालय कवर्धा में विभिन्न निर्माण हेतु 10.60 करोड़, तथा मत्स्य कृषकों के प्रशिक्षण हेतु 1.12 करोड़ रुपए निर्धारित हैं। बस्तर संभाग में झींगा पालन के लिए 2.80 करोड़ रुपए का विशेष बजट रखा गया है।

  • ग्रामोद्योग और हस्तशिल्प से ग्रामीण विकास, 138.38 करोड़ का प्रावधान

ग्रामोद्योग विभाग हेतु 138 करोड़ 38 लाख 84 हजार रुपए का बजट रखा गया है। नैसर्गिक टसर कोसा उत्पादन हेतु 59.27 करोड़, मलबरी रेशम विस्तार के लिए 8.50 करोड़, बुनकरों के प्रशिक्षण और विकास हेतु 5.60 करोड़ रुपए रखे गए हैं। खादी बोर्ड के मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम हेतु 8.10 करोड़ तथा पारंपरिक शिल्पकारों के उन्नत प्रशिक्षण हेतु 3.75 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित है। कुम्हारों को निःशुल्क चाक वितरण हेतु 3 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।

  • संस्कृति विभाग के बजट में वृद्धि, जनजातीय संस्कृति और कला का होगा विकास

संस्कृति विभाग का बजट 58 करोड़ 67 लाख रुपए निर्धारित किया गया है। रायपुर में भारत भवन का निर्माण किया जाएगा। गोंडी-हल्बी भाषा विकास हेतु 2.50 करोड़, बस्तर पंडुम प्रतियोगिता हेतु 4.68 करोड़ रुपए रखे गए हैं। पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय हेतु 98.90 करोड़ रुपए, ऐतिहासिक अभिलेखों के डिजिटलीकरण हेतु 3 करोड़, रायपुर में बुढ़ापारा स्थित डे-भवन को स्वामी विवेकानंद स्मृति संस्थान के रूप में विकसित करने के लिए 4.80 करोड़ रुपए तथा मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना हेतु 44.70 लाख रुपए का प्रावधान है।

  • पर्यटन में छत्तीसगढ़ बनेगा ग्लोबल डेस्टिनेशन, 222 करोड़ का प्रावधान

पर्यटन के लिए कुल 222 करोड़ रुपए का बजट है। श्रीरामलला दर्शन योजना हेतु 36 करोड़, होमस्टे सुविधा हेतु 5 करोड़, शक्ति पीठ परियोजना हेतु प्रथम चरण में 5 करोड़, तथा एडवेंचर टूरिज्म विकास हेतु 5 करोड़ रुपए रखे गए हैं। रायपुर में कन्वेंशन सेंटर एवं फिल्म सिटी निर्माण हेतु केंद्र से 147.66 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है, जिसमें से 50.20 करोड़ इस वर्ष प्राप्त होंगे।

  • धार्मिक न्यास, धर्मस्व और सांस्कृतिक संपर्क योजनाएं होंगी मजबूत

धार्मिक न्यास विभाग के लिए 49.30 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान है। छत्तीसगढ़ कल्चरल कनेक्ट योजना अंतर्गत अन्य राज्यों में भूमि क्रय कर धर्मशाला निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

  • पत्रकारों के सम्मान में वृद्धि, पर्यटन-जनजातीय संस्कृति के प्रचार हेतु विशेष बजट

पत्रकारों के एक्सपोजर विजिट हेतु 2 करोड़, वरिष्ठ पत्रकारों की सम्मान निधि को 20 हजार रुपए प्रतिमाह किया गया है। रायपुर प्रेस क्लब के रिनोवेशन हेतु 1 करोड़ रुपए आवंटित हैं। बस्तर और सरगुजा में पर्यटन प्रचार हेतु 8 करोड़, जनजातीय आयोजनों के प्रचार हेतु 19 करोड़ रुपए का प्रावधान है। पुनर्वास योजनाओं हेतु 2.86 करोड़ रुपए का प्रावधान है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत कुल 208.50 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हर वर्ग के उत्थान के लिए बजट में समुचित प्रावधान है। सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

Share with your Friends

Related Posts