अभी लोन के लिए बुजुर्गों को बताना पड़ता है जरूरतें
अभी लोन लेने वाले बुजुर्गों को अपनी जरूरतों को बताना पड़ता है और एक निर्धारित राशि मेडिकल खर्च में दिखाना पड़ता है। जिन लोगों को रैम स्कीम का पता है, वे भी असामाजिक ताना-बाना की वजहों से इसका लाभ नहीं उठाते हैं। उन्हें लगता है कि इस लोन को लेने से समाज में यह संदेश जाएगा कि उनके बच्चे उनकी देखभाल नहीं करते हैं या फिर वे अपने बच्चों को संपत्ति देना नहीं चाहते हैं।

75 लाख से अधिक का ले सकते हैं लोन
अभी रैम के तहत अधिकतम 75 लाख रुपए तक के लोन लिए जा सकते हैं। पिछले कई सालों से यह स्कीम तो है, लेकिन बैंक इस स्कीम का प्रचार नहीं करते हैं। पांच साल पहले तक देश भर में कुछ हजार लोग ही इस स्कीम के तहत लोन ले रहे थे।
2050 तक देश में 34.7 करोड़ बुजुर्ग होंगे
हाउसिंग बैंक का मानना है कि वर्ष 2050 तक देश में 34.7 करोड़ बुजुर्ग (60 प्लस) होंगे। विदेश के अनुभव से पता चलता है कि हाउस-फार-पेंशन स्कीम कैसे संपत्ति रखने वाले बुजुर्गों के जीवन को आसान बना सकती है। रिपोर्ट में इस स्कीम की बढ़-चढ़ कर मार्के¨टग करने के साथ बैंकर्स को इस प्रोत्साहित करने और स्कीम के दायरे को बढ़ाने की भी सिफारिश की गई है।