Home देश-दुनिया स्वास्थ्य योजनाओं के परिणाम के लिए चिकित्सा अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने की जरूरत’, बैठक में बोले नड्डा

स्वास्थ्य योजनाओं के परिणाम के लिए चिकित्सा अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने की जरूरत’, बैठक में बोले नड्डा

by admin

नईदिल्ली(ए)।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि जमीनी स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं के सही परिणाम पाने के लिए चिकित्सा अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने भारत मंडपम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एनएचएम की उपलब्धियों की सराहना की। साथ ही विभिन्न पहलों और योजनाओं के परिणाम सुनिश्चित करने में मिशन संचालन समूह (एमएसजी) की भूमिका को धन्यवाद दिया।

जमीनी स्तर पर CMO की भूमिका के महत्व पर जोर दिया
नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं के उद्देश्यों को समझने की आवश्यकता है। उन्होंने जमीनी स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) जैसे अधिकारियों की भूमिका के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रशासनिक बाधाओं का हवाला देते हुए सीएमओ की क्षमताओं को मजबूत करने और प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि जमीनी स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं के सही परिणाम मिल सकें।

आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका की सराहना की
स्वास्थ्य मंत्री ने आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका की भी सराहना की और उनके लिए बेहतर प्रोत्साहन और भत्ते की आवश्यकता बताई। नड्डा ने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए नई तकनीकी प्रगति की सराहना की और आपातकालीन चिकित्सा सहायता कार्यक्रम- भारत स्वास्थ्य सहयोग हित और मैत्री पहल (भीष्म) की गुणवत्ता पर ध्यान दिया।

एमएसजी को एनएचएम के तहत मिली उपलब्धियों पर हुई चर्चा
बैठक में एमएसजी को पिछले कुछ वर्षों में एनएचएम के तहत मिली उपलब्धियों और भविष्य के लक्ष्यों पर चर्चा की गई। पहली बार प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) को भी एमएसजी में शामिल किया गया।

बैठक में उजागर की गईं कुछ उपलब्धियां

 

  • भारत ने प्रति 1 लाख जीवित जन्मों पर मातृ मृत्यु दर (MMR) को 100 पर लाने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। 1990 से 2020 के बीच, भारत में MMR में 83% की कमी आई, जो वैश्विक औसत से अधिक है।
  • इस दौरान, शिशु मृत्यु दर (IMR) में 69% की कमी आई, जबकि वैश्विक गिरावट 55% थी।
  • 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में 75% की कमी आई है।
  • कुल प्रजनन दर 1992-93 में 3.4 से घटकर 2019-21 में 2.0 हो गई है। 31 राज्यों ने प्रजनन स्तर को हासिल कर लिया है।
  • एनएचएम के तहत स्वास्थ्य मानव संसाधनों में 2006-07 में 23,000 से बढ़कर 2023-24 में 5.23 लाख हो गए हैं।
  • भारत ने ट्रेकोमा को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त कर दिया है।
  • देश में 1.76 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हैं।
Share with your Friends

Related Posts