Home देश-दुनिया आत्मनिर्भरता की दिशा में भारतीय वायुसेना की बड़ी उड़ान, अब देश में ही बनेंगे Mi-17V5 हेलीकॉप्टर के लिए इंजन

आत्मनिर्भरता की दिशा में भारतीय वायुसेना की बड़ी उड़ान, अब देश में ही बनेंगे Mi-17V5 हेलीकॉप्टर के लिए इंजन

by admin
चंडीगढ़(ए)। भारतीय वायुसेना ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। चंडीगढ़ स्थित 3 बेस रिपेयर डिपो (3 बीआरडी) में अब एमआइ-17वी5 हेलीकाप्टर के लिए वीके-2500-03 इंजन का उत्पादन शुरू कर दिया गया है। यह वायुसेना के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 

विजय कुमार गर्ग ने कार्यक्रम का शुभारंभ

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का शुभारंभ वायुसेना मेंटेनेंस कमांड के प्रमुख एयर मार्शल विजय कुमार गर्ग ने वर्चुअली किया। इस दौरान यूनिवर्सल टेस्ट बेड का भी आनलाइन उद्घाटन किया, जिसे 3बीआरडी के इंजन टेस्ट हाउस में स्थापित किया गया है। 

एयरोस्पेस उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य होगा मजबूत

यह आधुनिक टेस्टिंग सुविधा वीके-2500-03 समेत विभिन्न इंजन माडल की जांच और प्रमाणन में मदद करेगी। एयर मार्शल गर्ग ने इस उपलब्धि को वायुसेना के दृढ़संकल्प, मेहनत और दूरदर्शिता का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम वायुसेना के एयरोस्पेस उत्पादन और रखरखाव में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को मजबूत करेगा।

वीके-2500-03 इंजन का उत्पादन भारत और रूस के बीच जेएससी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट और भारतीय वायुसेना के आफसेट करार का हिस्सा है। चंडीगढ़ स्थित 3बीआरडी में इस इंजन की पहली मरम्मत और ओवरहॉलिंग भी सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है, जो स्वदेशी उत्पादन की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है। 

HAL की मदद से मिली कामयाबी

यूनिवर्सल टेस्ट बेड को हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड बेंगलुरु के एयरो इंजन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर ने विकसित किया है।

यह टेस्ट बेड टीवी वी3-117एमटी, टीवी 3-117वीएम, टीवी 3-117वी और वीके-2500-03 इंजन की जांच और प्रमाणन के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह उपलब्धि भारतीय वायुसेना की तकनीकी सक्षमता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगी।
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