नईदिल्ली(ए)। भारतीय रुपये की कीमत बाजार तय करता है और इसके मूल्य में कोई गिरावट नहीं हुई है। यह एक तय विनिमय दर व्यवस्था की विशेषता होती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह बात कही। हाल ही में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत 87.29 रुपये के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गई। रुपये की विनिमय दर पर डॉलर इंडेक्स की स्थिति, पूंजी प्रवाह, ब्याज दरों का स्तर, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और चालू खाता घाटा जैसे कारक घरेलू और वैश्विक कारक प्रभाव डालते हैं। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में सीतारमण ने कहा, भारतीय रुपये का अवमूल्य नहीं हुआ है, जो एक तय विनिमय दर व्यवस्था की विशेषता है। उन्होंने कहा, भारतीय रुपये की कीमत बाजार से तय होती है। इसका कोई निर्धारित लक्ष्य या स्तर नहीं होता। वित्त मंत्री ने कहा कि मुद्रा के अवमूल्यन से निर्यात प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी हो सकती है, जो अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर डालता है। हालांकि, मुद्रा की कीमत घटने से आयात होने वाली वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं।
उन्होंने कहा, जब रुपये की कीमत घटती है तो इसका असर घरेलू बाजार में वस्तुओं की कीमतों पर पड़ सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जो वस्तुएं बिक रही हैं, उनकी कीमतें बढ़ती हैं और यह बढ़ोतरी हमारे देश के बाजार में कैसे असर डालती है। मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में आयात विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में वस्तुओं की आपूर्ति और मांग, व्यापार योग्य वस्तुओं की प्रकृति, माल भाड़ा शुल्क और विकल्प की वस्तुओं की उपलब्धता शामिल हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मार्च 2024 के अंत तक बीमा कंपनियों के पास 21,718 करोड़ रुपये की बीमा राशि लंबित थी, जिस पर लोग अभी तक दावा नहीं कर पाए हैं। मार्च 2023 में यह राशि 23,699 करोड़ रुपये थे औऱ उससे पहले यह 25,403 करोड़ रुपये थी।