प्रोजेक्ट वीर गाथा में चयनित होना कोई छोटी उपलब्धि नहीं
राजनाथ सिंह ने कहा- ‘प्रोजेक्ट वीर गाथा में चयनित होना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। आप देश का भविष्य हैं। आप सभी पूरी दुनिया में देश कौ गौरवान्वित करेंगे क्योंकि आपमें प्रतिभा है। मैं सभी को उज्जवल भविष्य की शुभकामना देता हूं।’ उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं की बुद्धिमत्ता, उत्साह और देशभक्ति की सराहना की। प्रोजेक्ट वीर गाथा की शुरुआत 2021 में वीरता पुरस्कार विजेताओं की वीरता, निस्वार्थ सेवा और साहस की प्रेरक कहानियों और इन बहादुरों की जीवन गाथाओं को छात्रों के बीच प्रसारित करने के उद्देश्य से की गई थी, ताकि उनमें देशभक्ति की भावना पैदा हो सके। इसके माध्यम से स्कूली विद्यार्थियों को रचनात्मक गतिविधि के लिए मंच प्रदान किया जाता है।
4.0 के सुपर-100 विजेताओं में से दो तिहाई लड़कियां
राजनाथ सिंह ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि वीर गाथा 4.0 के सुपर-100 विजेताओं में से दो तिहाई लड़कियां हैं। उन्होंने मणिपुर की 10वीं कक्षा की छात्रा नेमनेनेंग का विशेष तौर पर उल्लेख किया, जिसने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था। रक्षा मंत्री ने कई कठिनाइयों के बावजूद अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ने और विजेताओं के बीच स्थान हासिल करने के लिए उनकी दृढ़ता की प्रशंसा की।
लखपति दीदियों को ‘करोड़पति’ बनने का लक्ष्य रखना चाहिए-शिवराज
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि लखपति दीदियों को ‘करोड़पति’ बनने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने यह बात 300 महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान कही, जोकि 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में भाग लेंगी।
शिवराज ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के प्रयासों की सराहना की, जो प्रधानमंत्री मोदी के लखपति दीदी के दृष्टिकोण को साकार कर रही हैं। उन्होंने गरीबी मुक्त गांव के लक्ष्य को दोहराया और सभी लखपति दीदियों से अनुरोध किया कि वे अपने आसपास की हर महिला को लखपति बनाएं।
ग्रामीण महिलाओं ने अपनी कहानी साझा की
केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्र शेखर पेम्मासानी ने कहा कि प्रधानमंत्री का विकसित भारत का सपना अब हकीकत बन गया है। उन्होंने अनंतपुर जिले की राजेश्वरी दीदी की प्रेरणादायक कहानी भी साझा की, जिन्होंने एसएचजी से ऋण लेकर एक छोटा बाजरा रोटी बनाने का व्यवसाय शुरू किया। आज, वह सालाना नौ लाख रुपये कमाती हैं और दूसरों के लिए रोजगार उत्पन्न कर रही हैं।