Home देश-दुनिया 10 लाख रुपए तक आयकर में छूट और OPS जैसे प्रावधान, क्या ऐसा करने पर राजी होगी सरकार?

10 लाख रुपए तक आयकर में छूट और OPS जैसे प्रावधान, क्या ऐसा करने पर राजी होगी सरकार?

by admin

नई दिल्ली(ए)। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर लगभग दर्जनभर मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है। महासंघ ने अपने पत्र में कहा है कि जब केंद्रीय बजट पेश हो, तो उसमें रक्षा कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार का सकारात्मक रुख नजर आए।

केंद्र सरकार, बजट की तैयारियों में जुट गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगी। विभिन्न वर्गों के साथ-साथ केंद्रीय कर्मचारी भी बजट में अपने हितों की रक्षा के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं। कर्मचारी संगठन, प्रतिवेदनों के माध्यम से वित्त मंत्रालय तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। अन्य मांगों के अलावा इस बार कर्मचारी संगठन, 10 लाख रुपये तक आयकर में छूट और पुरानी पेंशन जैसे प्रावधान, इस मांग को प्रमुखता से आगे रख रहे हैं।

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर लगभग दर्जनभर मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है। महासंघ ने अपने पत्र में कहा है कि जब केंद्रीय बजट पेश हो, तो उसमें रक्षा कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार का सकारात्मक रुख नजर आए। महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा, सरकार जो यूपीएस योजना लाई है, वह पुरानी पेंशन का स्थान नहीं ले सकती। उसके कई सारी कमियां हैं। सरकार को अपने बजट में पुरानी पेंशन बहाली करनी चाहिए। आयकर में दस लाख रुपये तक की छूट, असैनिक रक्षा कर्मियों के तीन लाख रिक्त पड़े पदों अविलंब भरना और पांच रक्षा मंत्रियों का आश्वासन, उन्होंने ऐसी कई दूसरी मांगें अपने पत्र में शामिल की हैं।

ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल के अनुसार, यूपीएस को लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। इस बाबत वित्त मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा गया है। यूपीएस का नोटिफिकेशन जारी होने से पहले सरकार को कर्मचारियों की दो मांगों पर सहानुभूति से विचार करना होगा। पहली मांग है, जब एनपीएस में पहले से ही यह व्यवस्था है कि आप चाहें तो रिटायरमेंट पर 100 प्रतिशत फंड को एन्युटी के लिए निवेश कर सकते हैं। यानी इस मामले में एनपीएस और यूपीएस एक जैसे हो गए हैं। एनपीएस में पूरा निवेशित फंड आपके नॉमिनी को वापस मिल जाता है, लेकिन यूपीएस में वापस सरकार के पास चला जाएगा। इस लिहाज से भी नई पेंशन व्यवस्था में दोष है।

जब तक सरकार, कर्मचारी के अंशदान को ब्याज सहित वापस नहीं करती, तब तक यूपीएस अस्वीकार है। कर्मचारियों की दूसरी मांग यह है कि 50 प्रतिशत पेंशन का प्रावधान 20 साल की नौकरी पर ही किया जाए। वीआरएस के लिए भी 20 साल की नौकरी को ही 50 प्रतिशत पेंशन का आधार माना जाए। उसी दिन से कर्मचारी को पेंशन मिले, तभी न्याय संभव है।

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ने केंद्रीय ट्रेड यूनियन द्वारा प्रस्तुत मांगों का समर्थन किया है। निर्मला सीतारमण को सौंपे गए अपने ज्ञापन में, एआईडीईएफ ने आयुध कारखानों के निगमीकरण को वापस लेने की बात कही है। श्रीकुमार का कहना है, हमारा अनुभव है कि सरकार, बजट में औद्योगिक घरानों, कॉरपोरेट्स और मल्टी-नेशनल कंपनियों के हितों का ध्यान रखती है। मजदूर वर्ग और ट्रेड यूनियनों की मांगों को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है। सरकार भूल जाती है कि श्रमिक, धन निर्माता हैं। आम लोग आयकर और जीएसटी के माध्यम से सरकार के राजस्व में योगदान करते हैं, लेकिन बजट में उनके हितों का ख्याल नहीं रखा जाता।

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