मंत्रियों, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विपक्ष के नेता (एलओपी), सरकारी मुख्य सचेतक और विधानसभा के सदस्यों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों से संबंधित नौवां संशोधन विधेयक किसी भी पार्टी के विरोध के बिना पारित कर दिया गया। विधायक सदन का सदस्य मात्र एक दिन के लिए भी रहा हो तो उसे सभी सेवानिवृत्ति लाभ मिलेंगे। विधेयक में मुख्यमंत्री का वेतन बढ़ाकर 97,000 रुपये, उपमुख्यमंत्री का वेतन 96,000 रुपये, मंत्रियों, स्पीकर, विपक्ष के नेता और मुख्य सचेतक का वेतन 95,000 रुपये, डिप्टी स्पीकर का वेतन 94,000 रुपये और विधायक का वेतन 93,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
पहले कितनी मिलती थी सैलरी
मंत्रियों और विधायकों के वेतन और पेंशन में आखिरी बार 2019 में बढ़ोतरी की गई थी। नौवें संशोधन विधेयक के पारित होने से पहले 2019 में पारित पिछले अधिनियम के अनुसार, मुख्यमंत्री का वेतन 53,630 रुपये, उपमुख्यमंत्री का 52,630 रुपये, मंत्री, स्पीकर, एलओपी और मुख्य सचेतक का 51,780 रुपये, डिप्टी स्पीकर का 50,510 रुपये और विधायक का 48,420 रुपये था।
पूर्व विधायकों की पेंशन और पारिवारिक पेंशन को क्रमशः 34,500 रुपये और 25,000 रुपये से बढ़ाकर 66,000 रुपये और 48,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
इन्हें भी मिलेगा पेंशन का लाभ
नौवें संशोधन विधेयक में सभी विधायकों को पेंशन सहित सभी सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान करने का प्रस्ताव है, जिन्होंने केवल एक दिन के लिए भी सेवा की है।
2022 में अंतिम संशोधन के अनुसार, यदि कोई विधायक कम से कम साढ़े चार साल तक सदन का सदस्य रहा है, तो उसे पेंशन सहित सभी सेवानिवृत्ति लाभ मिलेंगे।
सभी पार्टियों ने किया बिल का समर्थन
मिली जानकारी के अनुसार, सभी पार्टियों ने इस बिल का समर्थन किया। किसी ने इस बिल का विरोध नहीं किया। इससे साफ है कि सभी विधायक अपनी सैलरी बढ़ने पर सहमत थे। अब एक दिन के लिए भी विधायक बनने पर रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलेंगे। यह नियम काफी चौंकाने वाला है।