नईदिल्ली(ए)। तमाम योजनाओं को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच अक्सर भले ही खींचतान दिखाई देती हो, लेकिन पंचायतीराज मंत्रालय के एक प्रयास ने यह संकेत दे दिया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गईं कल्याणकारी योजनाएं सहकारी संघवाद के ढांचे को मजबूती देते हुए धरातल पर सफलता की ओर तेजी से बढ़ रही हैं।
इन प्रधानों को मिलेगा सम्मान
यह महज दावे से इतर आंकड़ों में भी पुष्ट हो, इसके लिए गणतंत्र दिवस समारोह में उन ग्राम प्रधानों को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जा रहा है, जिन्होंने अपनी ग्राम पंचायतों में केंद्र सरकार द्वारा चिन्हित दस में से कम से कम छह केंद्रीय योजनाओं का लाभ 90 प्रतिशत या उससे अधिक लाभार्थियों तक पहुंचा दिया है।
ग्राम पंचायत स्तर पर विकास को गति देने की मंशा से पंचायतीराज मंत्रालय समय-समय पर ऐसे मंच तैयार करने के लिए प्रयासरत रहता है, जहां अच्छा काम करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को प्रोत्साहित किया जा सके। प्रधानों के नाम मांगे हैं, जिन्होंने अपनी पंचायतों में केंद्र सरकार की दस में से कम से कम छह योजनाओं को संतुप्ति यानी सैचुरेशन मोड पर पहुंचा दिया हो या उन योजनाओं का लाभ 90 प्रतिशत और उससे अधिक लाभार्थियों तक पहुंचा दिया हो।
सिर्फ 500 प्रधानों को स्थान दिया जाएगा
योजनाओं पर अमल सत्यापन विभिन्न तरीकों से कराते हुए यह नाम जिलों से होते राज्य और फिर राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के पास आ रहे हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी डाटा संकलित हो रहा है। चूंकि, समारोह में सीमित स्थान ही प्रधानों के लिए आवंटित किया जा सकता है, इसलिए तय किया है कि इस श्रेणी में सिर्फ 500 प्रधानों को स्थान दिया जाएगा।