नईदिल्ली(ए)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को ग्वेर्नसे में राष्ट्रमंडल देशों की संसदों के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (सीएसपीओसी) की स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने संसद के कामकाज में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और सोशल मीडिया के इस्तेमाल की जोरदार वकालत की। उन्होंने कहा कि भारत अगले साल 28वें सीएसपीओसी की मेजबानी करेगा। बिरला ने कहा कि भारत कृषि, फिनटेक, एआई और अनुसंधान एवं नवाचार जैसे कई क्षेत्रों में बड़े बदलाव देख रहा है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधि भारत की सांस्कृतिक विरासत और प्रगति के अनूठे मिश्रण का अनुभव करेंगे।
क्षेत्रीय भाषा अनुवाद के लिए किया जाता है एआई और एमएल तकनीकों का इस्तेमाल
पिछले साल, लोकसभा ने सांसदों के लिए संसदीय कार्यवाही की पहुंच बढ़ाने के लिए एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) तकनीकों को अपनाया था। इन तकनीकों का इस्तेमाल संसद सदस्यों के लिए क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद और विभिन्न भाषाओं में संसदीय पत्र उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है।
बिरला ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए इन आवश्यकताओं पर जोर दिया
सम्मेलन के दौरान, ओम बिरला ने जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और साइबर अपराध जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए संसदों को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने सुशासन और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए संसदीय संस्थाओं को अधिक प्रभावी, समावेशी और पारदर्शी बनाने के महत्व पर भी जोर दिया।
सीएसपीओसी संसदीय सहयोग मजबूत करने का महत्वपूर्ण अवसर
ओम बिरला ने कहा कि सीएसपीओसी मंच सदस्य देशों के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने और संसदीय सहयोग को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
भारत ने पहले भी की सीएसपीओसी की मेजबानी
बिरला ने आगे कहा कि 2026 में 28वें सीएसपीओसी के मेजबान के रूप में भारत का चयन देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, समावेशिता और सद्भाव को प्रदर्शित करने का अनूठा अवसर है। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले भी 1970-71, 1986 और 2010 में सीएसपीओसी की मेजबानी की थी।