नईदिल्ली(ए)। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धियां गिनाने और सेना की शौर्य गाथा लोगों तक पहुंचाने के लिए भाजपा 13 से 23 तक 11 दिनों तक राष्ट्रव्यापी तिरंगा यात्रा निकालेगी। इसके अलावा संघर्ष विराम के बाद विपक्ष के हमलों का जवाब देने की भी रणनीति बनाई गई है। अभियान के दौरान कई स्तरों पर जनता से सीधे संवाद के जरिये विपक्ष के हमलों का जवाब देने के साथ ही ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई सैन्य कार्रवाई को देश के सामने रखेगी। रविवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद सोमवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की महासचिवों और वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक में जवाबी रणनीति का तानाबाना बुना गया। पार्टी के आधिकारिक सूत्र ने माना कि जिस प्रकार अचानक संघर्ष विराम की घोषणा की गई और इसकी सूचना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जरिए दुनिया को मिली, उससे पार्टी के कोर वोट बैंक में निराशा है। पार्टी के सामने इस निराशा को दूर करने की बड़ी चुनौती है। सूत्र ने कहा कि सोमवार को प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद पार्टी को इस स्थिति में बदलाव की उम्मीद है। पार्टी के सामने लोगों को यह समझाने की चुनौती है कि संघर्ष विराम का फैसले में कोई तीसरा पक्ष नहीं था और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भाजपा ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी जंग जीती है।
दुष्प्रचार रोकने का अभियान
अचानक संघर्ष विराम के बाद सोशल मीडिया पर सरकार पर बढ़ते हमले और विपक्ष के आक्रामक प्रचार के बीच रविवार को नड्डा के निवास पर पार्टी के शीर्ष मंत्रियों की मैराथन बैठक हुई। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, पीयूष गोयल, मनोहर लाल खट्टर, किरेन रिजिजू, भूपेंद्र यदव, अश्विनी वैष्णव शामिल हुए। इस बैठक में भी विपक्ष के हमले और सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार के खिलाफ रणनीति पर करीब तीन घंटे तक मंथन हुआ।

सेमिनार, संवाद का भी सहारा लेगी पार्टी
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और विपक्ष के हमले का जवाब देने के लिए पार्टी ने देशव्यापी तिरंगा यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। इस ऑपरेशन पर सेना की उपलब्धियों को गिनाने के लिए सेमिनार और प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन करने और जनता से सीधा संवाद करने की भी रणनीति बनी है। इन अभियानों के जरिए भाजपा बताएगी कि भविष्य में किसी भी आतंकी हमले के जवाब में भारत पुलवामा, उरी और पहलगाम हमले की तर्ज पर सीमा पार के आतंकी संगठनों और उसके आकाओं के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करेगा।
बेहतर प्रबंधन और समन्वय का रहा अभाव
दरअसल पार्टी आम जनमानस को यह नहीं समझा पाई कि भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं लड़ रहा है। ऑपरेशन सिंदूर का मकसद सीमा पार आतंकवाद को सीधा और कड़ा जवाब देना है। इस ऑपरेशन के तहत भारत की सेना को बड़ी सफलता भी मिली। सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तान के उकसाने वाली कार्रवाई का भी मुंहतोड़ जवाब दिया गया। लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ थी, मगर धारणा यह बन गई कि भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ रहा है। इसके बाद जब संघर्ष विराम की घोषणा हुई तो लोगों में निराशा घर कर गई।