Home देश-दुनिया विदेश मंत्रालय बोला- H-1B वीजा भारत और अमेरिका दोनों के लिए फायदेमंद, बढ़ रही आर्थिक-तकनीकी साझेदारी

विदेश मंत्रालय बोला- H-1B वीजा भारत और अमेरिका दोनों के लिए फायदेमंद, बढ़ रही आर्थिक-तकनीकी साझेदारी

by admin

नई दिल्ली(ए)। भारत ने कहा कि अमेरिका के साथ उसकी आर्थिक और तकनीकी साझेदारी बढ़ रही है। दोनों देशों को कुशल पेशेवरों की ओर से प्रदान की जाने वाली तकनीकी विशेषज्ञता से लाभ मिलता है, जिनका आवागमन द्विपक्षी संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। शुक्रवार को साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एच-1बी वीजा से जुड़े सवाल पर यह बात कही। अमेरिका में नौकरी करने वाले भारत के आईटी पेशेवर बड़ी संख्या में इस वीजा का लाभ उठाते हैं। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप ने पिछले महीने कहा था कि वह एच-1बी वीजा का समर्थन करते हैं। उनकी टीम के सदस्य और अमेरिकी अरबपति एलन मस्क और भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने भी एच-1बी वीजा कार्यक्रम का समर्थन किया, लेकिन ट्रंप के कुछ समर्थक इसका विरोध कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका में एक मजबूत और बढ़ती आर्थिक और तकनीकी साझेदारी है और इसके दायरे में कुशल पेशेवरों का आवागमन एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से दक्ष पेशेवरों की सेवाओं से दोनों देशों को लाभ मिलता है। हम भारत-अमेरिकी संबंधों को और गहरा करने को लेकर उत्सुक हैं जो हम दोनों के लिए फायदेमंद है। गौरतलब है कि 30 सितंबर, 2023 को समाप्त हुए अपने वित्त वर्ष में अमेरिका ने 2,65,777 एच-1बी वीजा जारी किया था, जिसमें से 78 फीसदी भारतीय पेशेवरों को मिला था।

प्रवक्ता ने कहा कि भारत ट्रंप सरकार के साथ संबंधों को और मजबूत करना चाहता है। भारत के विदेश मंत्री और विदेश सचिव ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया था और ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठकें की थी।

अमेरिकी एनएसए भारत आएंगे
जायसवाल ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन भारत का दौरा करेंगे और इस दौरान वह भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे। दोनों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने वाले विभिन्न मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है।

एच-1बी वीजा का समर्थन कर रहे मस्क
अमेरिका में एच-1बी वीजा को लेकर बहस जारी है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थक इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। वहीं, उनके करीबी उद्योगपति एलन मस्क ने एच-1बी वीजा का समर्थन कर चुके हैं। इस बहस में आज अमेरिका के वरिष्ठ और प्रभावशाली सांसद बर्नी सैंडर्स भी शामिल हुए। सैंडर्स ने मस्क पर आरोप लगाया कि वह एच-1बी वीजा का समर्थन सिर्फ विदेशों से सस्ते कर्मचारियों को नौकरी पर रखने के लिए कर रहे हैं। एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिकी कंपनियां विदेशों से कुशल कर्मचारियों को नौकरी पर रख सकते हैं।

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