Home देश-दुनिया टेली सर्जरी को मोदी सरकार ने दी मंजूरी : अब सुदूर इलाकों के छोटे अस्पतालों में बड़ा इलाज कर सकेंगे डॉक्टर, वीडियो गेम की तरह तकनीक

टेली सर्जरी को मोदी सरकार ने दी मंजूरी : अब सुदूर इलाकों के छोटे अस्पतालों में बड़ा इलाज कर सकेंगे डॉक्टर, वीडियो गेम की तरह तकनीक

by admin

नई दिल्ली(ए)। देश में पहली बार टेली मेडिसिन की तरह टेली सर्जरी को भी लागू करने की मान्यता मिल गई है। इससे अब छोटे अस्पतालों में भी कैंसर और न्यूरो जैसी बड़ी सर्जरी हो सकेंगी। इसके लिए ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टर के उपस्थित रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कई किमी दूर बैठे डॉक्टर रोबोट तकनीक के सहारे एक साथ कई अस्पतालों में मरीजों की सर्जरी को पूरा कर सकते हैं। सरकार ई संजीवनी योजना के तहत मरीजों को घर बैठे वीडियो कॉल के जरिये चिकित्सा का लाभ दे रही है। इसे विस्तार देने के लिए स्वदेशी एसएसआई मंत्र कंपनी ने रोबोटिक तकनीक को विकसित किया है जो पूरी तरह से स्वदेशी है। देश के अलग-अलग शहरों में परीक्षण के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कंपनी को अनुमति देते हुए देश में टेली सर्जरी के जरिये मरीजों के ऑपरेशन किए जाने को संभव किया है।

गुरुग्राम से किया दिल्ली के अस्पताल में ऑपरेशन
सीडीएससीओ ने टेली सर्जरी के लिए रोबोट और वायरलेस तकनीक का उपयोग करने की मंजूरी दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दुनिया के कई देशों में इस तकनीक का लाभ लिया जा रहा है। भारत में इसे लागू करने से पहले कई परीक्षण हुए हैं। ऐसी छह सर्जरी की गईं। इनमें से एक ऑपरेशन वरिष्ठ डॉ. सुधीर रावल ने गुरुग्राम में रहकर दिल्ली के रोहिणी स्थित राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में किया। इसी तरह जून 2024 में गुरुग्राम के वर्ल्ड लेप्रोस्कोपी अस्पताल में भर्ती मरीज का ऑपरेशन डॉ. आरके मिश्रा ने करीब पांच किमी दूर एसएसआई की कार्यशाला में तैनात रोबोट के जरिये किया।

न्यूयॉर्क से शुरुआत
दुनिया में सबसे पहला परीक्षण साल 2001 में न्यूयॉर्क में किया गया, जबकि इस साल भारत के साथ-साथ चीन ने भी इस तकनीक में सफलता हासिल की है। छह में पांच सर्जरी करने वाले डॉ. सुधीर रावल ने कहा कि यह तकनीक वास्तव में एक क्रांतिकारी है। भारत में यह पूरी प्रणाली को एक नया आयाम दे सकती है। हालांकि, इसके लिए कुशल अनुभव और ज्ञान होना भी बहुत जरूरी है।

अभी तक ऐसे हुए परीक्षण
एसएसआई मंत्र की गुरुग्राम में मुख्य कार्यशाला है। यहां बड़े-बड़े रोबोट और पूरी तकनीक को विकसित किया है। अभी तक छह परीक्षण इसी कार्यशाला से हुए हैं। डॉक्टर यहां आकर रोबोट चलाते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबंधित अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर तकनीक से जुड़ा रहता है। इस हिसाब से यह तकनीक 100 या 200 ही नहीं, बल्कि एक हजार किमी की दूरी से भी की जा सकती है।

वीडियो गेम की तरह तकनीक
इस तकनीक में वीडियो गेम की तरह हाथ में कंसोल रखते हुए डॉक्टर बड़े 3डी लेआउट वाले मॉनिटर को देखते हुए ऑपरेशन करते हैं। उनकी आंखों पर एक खास किस्म का चश्मा होता है जो उन्हें ऑपरेशन थियेटर में ही उपस्थित रहने का एहसास कराता है। एसएसआई के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डॉ. सुधीर श्रीवास्तव का कहना है कि यह तकनीक अगले कुछ वर्षों में भारत में चिकित्सा की पूरी तस्वीर को बदल देगी।

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