नई दिल्ली(ए)। प्रवर्तन निदेशालय ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू करते समय सिर्फ आपराधिक साजिश के आधार पर भरोसा न करें। बल्कि पीएमएलए की धारा 66(2) जैसी और धाराएं भी जोड़ें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अदालती जांच में टिक सकें। सुप्रीम कोर्ट समेत कई अदालती फैसलों के बाद ईडी ने यह निर्देश जारी किया है। ईडी ने अपने जांचकर्ताओं से पीएमएलए की धारा 66(2) के प्रावधानों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने को कहा है। ये प्रावधान ईडी को किसी अपराध के बारे में जानकारी पुलिस विभाग या सीमा शुल्क जैसी एजेंसी के साथ साझा करने की अनुमति देता है। इसके बाद एक नई एफआईआर या शिकायत दर्ज की जा सकती है, जिसके आधार पर एजेंसी अपना मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर सके। अदालतों ने अपने फैसले में कहा है कि आईपीसी की धारा 120-बी अकेले मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने और जांच शुरू करने के लिए पर्याप्त नहीं है। सूत्रों ने बताया कि कुछ मामलों में ईडी की कुछ एफआईआर या मामले रद्द कर दिए गए हैं।
सिर्फ आपराधिक साजिश के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच न शुरू करें, प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारियों को निर्देश
20