नईदिल्ली(ए)। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने सोमवार को कहा कि भारत अगले महीने 26 राफेल लड़ाकू विमानों के नौसैनिक संस्करण और तीन अतिरिक्त स्कार्पीन पनडुब्बी की खरीद के लिए अलग-अलग अनुबंधों पर हस्ताक्षर कर सकता है। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान की नौसेनाओं की गतिविधियों पर करीबी नजर रखी जा रही है।
नौसेना दिवस से पहले मीडिया से बातचीत में एडमिरल त्रिपाठी ने यह भी कहा कि सरकार ने दो एसएसएन (परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों) के लिए मंजूरी दे दी है और ऐसी छह पनडुब्बी और बनाने की योजना है। पहला एसएसएन 2036-37 तक और दूसरा 2038-39 तक तैयार हो जाएगा।
नौसेना दिवस चार दिसंबर को मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि राफेल मरीन पर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और यह सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति के पास ले जाए जाने से बस एक चरण पीछे है। चूंकि यह दोनों देशों की सरकारों के बीच का समझौता है, इसलिए इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा।
पिछले साल जुलाई में रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस से राफेल-एम जेट विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी, जिन्हें मुख्य रूप से स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, हमें उम्मीद है कि इस महीने नहीं तो अगले महीने समझौतों पर हस्ताक्षर हो जाना चाहिए। हम पीएलए (चीनी) नौसेना, उनके युद्धपोतों और उनके अनुसंधान जहाजों सहित क्षेत्र से बाहर की ताकतों पर नजर रख रहे हैं और जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं और कहां हैं।
उन्होंने कहा कि देश की नौसैनिक क्षमता को बढ़ाने के प्रयासों के तहत वर्तमान में 62 जहाजों और एक पनडुब्बी का निर्माण कार्य जारी है। चीन द्वारा पाकिस्तान की समुद्री ताकत बढ़ाने में मदद के बारे में नौसेना प्रमुख ने कहा कि इससे पता चलता है कि चीन पाकिस्तान को सैन्य रूप से मजबूत बनाने में दिलचस्पी रखता है। चीन के सहयोग से पाकिस्तान की नौसेना के लिए कई युद्धपोत और पनडुब्बियां बनाई जा रही हैं, जो दर्शाता है कि चीन पाकिस्तान की नौसेना को मजबूत बनाने में रुचि रखता है।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि उनकी आठ नई पनडुब्बियां पाकिस्तानी नौसेना के लिए महत्वपूर्ण लड़ाकू क्षमता होगी, लेकिन हम उनकी क्षमताओं से पूरी तरह अवगत हैं। यही कारण है कि हम अपने पड़ोसियों के सभी खतरों से निपटने में सक्षम होने के लिए अपनी अवधारणाओं में सुधार कर रहे हैं। हम पाकिस्तानी नौसेना की आश्चर्यजनक वृद्धि से अवगत हैं, जिसका लक्ष्य 50 जहाजों वाली नौसेना बनना है। उन्होंने अपने लोगों के कल्याण के बजाय हथियारों को चुना है।
भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण पर एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि अगले एक वर्ष में कुछ जहाजों को शामिल किया जाएगा। हमने नौसेना में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के लिए प्रयास दोगुना कर दिया है।