नईदिल्ली(ए)। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजे) के अंतर्गत 25 नवंबर 2024 तक 70 साल से ऊपर आयु के बुजुर्गों के करीब 14 लाख आयुष्मान वय वंदना कार्ड बनाए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। 

उन्होंने बताया कि 70 साल या इससे ज्यादा आयु के लाभार्थियों के परिवारों की अनुमानित संख्या 4.50 करोड़ से ज्यादा है, जिसका मतलब इस योजना के अंतर्गत करीब छह करोड़ व्यक्तियों को लाभ पहुंचेगा। एबी-पीएमजे के अंतर्गत जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली बनाई गई है, ताकि लाभार्थियों को इससे जुड़े किसी भी मामले में परेशानी का सामना न करना पड़े। 

98 फीसदी शिकायतों का निवारण

25 नवंबर तक इससे जुड़ी 5,565 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 98 प्रतिशत का निवारण किया जा चुका है, जबकि आयुष्मान भारत योजना को 2018 में पेश किए जाने के बाद से 31 अक्टूबर 2024 तक करीब 35.89 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।

 हांगकांग जैसे देशों में भारतीय मसालों पर प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, इन दोनों देशों में निर्यात किए गए मसालों के कुछ बैच में एथिलीन ऑक्साइड की मानक सीमा से ज्यादा मौजूदगी के चलते वहां के स्वास्थ्य सुरक्षा विभागों ने जांच की थी। इसके बाद स्पाइसेज बोर्ड और वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यात के लिए शिपमेंट भेजने से पूर्व मसालों के परीक्षण को अनिवार्य बनाने के साथ कई नियम लागू किए। इन नियमों के उल्लंघन पर संबंधित कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी रखा गया है। 

डब्ल्यूएचओ मानकों से बेहतर चिकित्सक-आबादी अनुपात

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नवंबर 2024 तक भारत में राज्य चिकित्सा परिषद और राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद में 13,86,145 एलोपैथिक चिकित्सक पंजीकृत हैं। इनकी 80 प्रतिशत उपलब्धता मानने के साथ 6.14 लाख आयुष चिकित्सकों को मिलाकर भारत में 811 की आबादी पर एक चिकित्सक उपलब्ध है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के 1000 पर एक के अनुपात से काफी बेहतर है।