नईदिल्ली(ए)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में दृष्टिबाधित बच्चों के स्कूल के पास अवैध रूप से ठोस अपशिष्ट (कूड़ा) डालने को लेकर शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। एनजीटी ने कहा कि प्राधिकारियों को छात्रों की दिव्यांगता का फायदा उठाने और स्वच्छ पर्यावरण के उनके अधिकार का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
एनजीटी ने अखिल भारतीय नेत्रहीन संघ स्कूल के विद्यार्थियों के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की और एमसीडी पर जुर्माना भी लगाया। दृष्टिबाधित बच्चों के स्कूल के पास बहते ढालों (कचरा संग्रहण स्थल) और कई खुले सीवेज गड्ढों के कारण बच्चे चुनौतियों और स्वास्थ्य जोखिमों का सामना कर रहे हैं। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एक रिपोर्ट दायर की है, जिसमें ढालो की ‘दयनीय स्थिति’ और ‘कई खुले सीवेज गड्ढों’ और ‘खतरे’ से उत्पन्न खतरे को दर्शाया गया है।
एनजीटी की पीठ ने कहा, ‘‘सीपीसीबी की रिपोर्ट में एमसीडी द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के प्रावधानों का पालन न करने की बात भी सामने आई है।” इस पीठ में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और अरुण कुमार त्यागी तथा विशेषज्ञ सदस्य अफरोज अहमद भी शामिल थे।