नई दिल्ली(ए)। जैसे ही सर्दियां दस्तक दे रही हैं, बंगाल की खाड़ी एक और शक्तिशाली चक्रवात ‘फीनजल’ के लिए तैयार हो रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस चक्रवात को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया है। यह इस साल का दूसरा प्रमुख चक्रवात बन सकता है। संभावना है कि यह तूफान 21 नवंबर तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण में अंडमान सागर के ऊपर बनना शुरू हो जाएगा और महत्वपूर्ण मौसमीय प्रभाव डाल सकता है।
चक्रवात का पूर्वानुमान
अक्टूबर-नवंबर के दौरान पूर्वोत्तर मानसून के मौसम में चक्रवातों का अधिक असर देखने को मिलता है। हालांकि, इस साल अब तक अपेक्षाकृत शांत रहा है। इस सीजन में अब तक केवल “चक्रवात डाना” ने अक्टूबर में ओडिशा के तट पर प्रभाव डाला था।
अब IMD के मुताबिक, सऊदी अरब द्वारा नामित “चक्रवात फीनजल” 22 और 23 नवंबर के बीच तेज होने की संभावना है। यह तूफान बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र की ओर बढ़ते हुए कम दबाव का क्षेत्र बनाएगा।
चक्रवात का संभावित मार्ग
आमतौर पर नवंबर में बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवात आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ते हैं। हालांकि, “फीनजल” का मार्ग इनसे अलग बताया जा रहा है। शुरुआती अनुमानों के अनुसार, यह चक्रवात उत्तर श्रीलंका की ओर बढ़ेगा और 26-27 नवंबर के बीच यहां लैंडफॉल कर सकता है।
अभी अनिश्चित हैं हालात
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह अनुमान प्रारंभिक हैं और चक्रवात की दिशा और तीव्रता में बदलाव संभव है। आने वाले दिनों में चक्रवात का व्यवहार इसके अंतिम मार्ग और प्रभाव को तय करेगा। IMD इस कम दबाव प्रणाली पर बारीकी से नजर रख रहा है और लगातार अपडेट दे रहा है।
तैयारी और सतर्कता:
चक्रवात के संभावित प्रभाव को देखते हुए तटीय क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।