Home देश-दुनिया भारतीय छात्रों को ट्रूडो ने दिया बड़ा झटका, कनाडा ने फास्ट-ट्रैक वीजा किया समाप्त, जानिए इसका क्या होगा प्रभाव?

भारतीय छात्रों को ट्रूडो ने दिया बड़ा झटका, कनाडा ने फास्ट-ट्रैक वीजा किया समाप्त, जानिए इसका क्या होगा प्रभाव?

by admin

नईदिल्ली(ए)। भारत और कनाडा के बीच रिश्ते काफी तल्ख हो गए हैं। दोनों देशों के कूटनीतिक गतिरोध के बीच जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने अपने लोकप्रिय स्कीम स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) को रद्द कर दिया है। इसके चलते अब अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए फास्ट-ट्रैक वीजा अध्ययन परमिट प्रक्रिया समाप्त हो गई है।

भारतीय छात्रों पर पड़ सकता है प्रभाव

सरकार की इस पहल से हजारों अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को कनाडा में हायर एजूकेशन के लिए शीघ्र वीजा प्राप्त करने में मदद मिली है। वहीं, अब भारतीय छात्रों पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है। छात्रों को प्रक्रिया में देरी की चिंता है, जो कनाडा में रह कर हायर एजूकेशन लेना चाहते हैं।

क्या है स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम?

स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) को 2018 में इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) द्वारा लॉन्च किया गया था। यह योजना 14 देशों के छात्रों के लिए वीजा आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए शुरू की गई थी। इसमें भारत भी शामिल है।

ये शर्ते भी करनी होती हैं पूरी

कनाडा के इस पहल से हजारों भारतीय छात्रों को लाभ मिला है, जो हर साल पढ़ाई के लिए कनाडा जाने की योजना बनाते हैं। कनाडा में हायर एजूकेशन लेने को लेकर बशर्ते वे कुछ निश्चित शर्तें पूरी करनी होती हैं। इस पहल के तहत कई जरूरी चीजे होती हैं, जिन्हें छात्र को पूरा करना होता था। इसमें 20,635 कैनेडियन डॉलर मूल्य का कैनेडियन गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र (GIC) और अंग्रेजी या फ्रेंच भाषा की परीक्षा में अंक प्राप्त करना शामिल था।

फास्ट-ट्रैक वीजा कार्यक्रम क्यों समाप्त किया गया?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा सरकार ने इस बारे में विस्तृत स्पष्टीकरण नहीं दिया है कि उसने फास्ट-ट्रैक वीजा सेवा क्यों समाप्त की। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब ट्रूडो सरकार द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारतीय सरकारी एजेंटों को दोषी ठहराए जाने के कारण भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। हालांकि, कनाडाई प्रशासन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय छात्रों विशेष रूप से भारत से आने वाले आवेदनों में भारी वृद्धि ने कनाडा की इमिग्रेशन और प्रोसेसिंग प्रणालियों पर काफी दबाव डाला है।

भारतीय छात्रों पर क्या पड़ेगा प्रभाव?

भारत लगातार कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का एक प्रमुख स्रोत रहा है। साल 2023 में लगभग 2 लाख भारतीय छात्रों को अध्ययन परमिट प्राप्त हुआ था, जो कनाडा के अंतरराष्ट्रीय छात्र समुदाय का एक बड़ा हिस्सा है। हालांकि, फास्ट-ट्रैक कार्यक्रम के बिना भारतीय आवेदकों को अब अपने अध्ययन परमिट के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ सकता है। जो अब भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। भारतीय छात्रों को अब समय पर अपने अध्ययन परमिट को सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त बाधाओं से गुजरना होगा।

Share with your Friends

Related Posts