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नई दिल्ली(ए)। सैन्य परिवहन विमान बनाने की देश में निजी सेक्टर की तरफ से स्थापित पहले संयंत्र का उद्घाटन करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि इससे एयरक्राफ्ट मैन्यूफैक्चरिंग का जो इकोसिस्टम बनेगा, उससे यहां मेड इन इंडिया नागरिक विमान बनाने का इकोसिस्टम भी बनने लगा है।
वडोदरा में भारतीय कंपनी टाटा एडवांस सिस्टम और यूरोपीय विमान निर्माता कंपनी एयरबस के इस संयुक्त उद्यम का उद्घाटन पीएम मोदी ने स्पेन के पीएम पेद्रो सांचेज के साथ किया। मोदी ने कहा कि यह उद्यम सिर्फ भारत और स्पेन के रिश्तों को ही मजबूत नहीं करेगा, बल्कि सरकार के मिशन मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड को सशक्त करेगा।
18 हजार पार्ट्स का होगा निर्माण
अपने भाषण में पीएम मोदी ने भारत के एविएशन सेक्टर में हो रहे बदलावों का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के कारण, एयरक्राफ्ट के 18 हजार कल-पुर्जों (पार्ट्स) का भारत में निर्माण होने जा रहा है। देश के किसी हिस्से से एक पार्ट बनेगा तो देश के किसी हिस्से में दूसरा पार्ट मैन्यूफैक्चर होगा और इसका निर्माण हमारे छोटे व मझौले उद्योग करेंगे।
पीएम ने कहा कि हम आज भी दुनिया की बड़ी एयरक्राफ्ट कंपनियों के लिए पार्ट्स के बड़े सप्लायर्स में से एक हैं। इस नई एयरक्राफ्ट फैक्ट्री से भारत में नई स्किल्स को, नए उद्योगों को बहुत बल मिलेगा। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज के इस कार्यक्रम को मैं ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की मैन्युफेक्चरिंग से आगे बढ़कर के देख रहा हूं। आप सभी ने पिछले एक दशक में भारत के नागरिक उड्डयन सेक्टर की अप्रत्याशित बदलाव व प्रगति को देखा है। हम देश के सैकड़ों छोटे शहरों तक एयर-कनेक्टिविटी पहुंचा रहे हैं।’
मेड इन इंडिया सिविल एयरक्राफ्ट का बनाएगा रास्ता
उन्होंने कहा, ‘भारत को उड्डयन और विमानों के रख-रखाव व मरम्मत का हब बनाने का भी काम हो रहा है। ये इकोसिस्टम भविष्य में मेड इन इंडिया सिविल एयरक्राफ्ट का रास्ता भी बनाएगा।’ भारतीय विमानन कंपनियों की तरफ से पिछले दिनों में 1200 विमान बनाने का ऑर्डर दिए जाने के संदर्भ में पीएम ने कहा कि अब ये कंपनियां दूसरे देशों से ऑर्डर नही ले पाएंगी।
पीएम मोदी ने कहा कि एयरबस और टाटा की इस फैक्ट्री से हजारों रोजगार का निर्माण होगा। बाद में विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि इस फैक्ट्री में सीधे तीन हजार लोगों को और इसकी अनुसंगी कंपनियों की तरफ से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। यह रक्षा निर्यात में भारत की स्थिति और मजबूत करेगा। दस वर्ष पहले कोई कल्पना भी नहीं कर पाता कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग हो सकती है।
सरकार के अहम फैसले
- बीते दशक में देश ने ऐसे अनेक ऐसे फैसले लिए, जिससे भारत में एक वाइब्रेंट डिफेंस इंडस्ट्री का विकास हुआ।
- निजी सेक्टर को भागीदारी दी और सरकारी उपक्रमों को प्रभावशाली बनाया।
- ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को सात बड़ी कंपनियों में बदला, डीआरडीओ व एचएएल को सशक्त किया।
- यूपी और तमिलनाडु में दो बड़े डिफेंस कॉरिडोर बनाए।
- स्टार्टअप को प्रोत्साहन मिला तो पिछले 5-6 सालों में ही भारत में करीब 1000 नए डिफेंस स्टार्ट अप्स बने।
- बीते 10 वर्षों में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 30 गुना बढ़ा।
- आज हम दुनिया के 100 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण का निर्यात कर रहे हैं।