नई दिल्ली (ए)। विमानन कंपनियों को उनके विमानों को बम से उड़ाने की मिलने वाली फर्जी धमकियों की बढ़ती संख्या के बीच सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंचों से कहा है कि वे उचित सावधानी बरतें और सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत निर्धारित कठोर समयसीमा के भीतर गलत सूचना को तुरंत हटा दें या उस तक पहुंच को बाधित करें। केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि इस तरह की गलत सूचना को हटाने या उस तक पहुंच को बाधित करने के अलावा सोशल मीडिया मध्यस्थों का ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ 2023 (बीएनएसएस) के तहत अतिरिक्त दायित्व है कि वे अपने मंच के किसी भी उपयोगकर्ता की ओर से किए गए किसी भी अपराध की अनिवार्य रूप से शिकायत करें। इनमें भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता या सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के इरादे से किए गए अपराध भी शामिल हैं।
सरकार ने जारी परामर्श में सोशल मीडिया मध्यस्थों से कहा कि आईटी नियमों के तहत वे अपने पास मौजूद सूचनाएं उपलब्ध कराने तथा जांच एजेंसियों को 72 घंटे तक की निर्धारित समय सीमा के भीतर सहायता प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि पिछले 12 दिनों में भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा संचालित 275 से अधिक उड़ानों को बम से उड़ाने की फर्जी धमकियां मिली हैं। अधिकतर धमकियां सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से दी गईं। शुक्रवार को ही भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा संचालित 25 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकियां मिलीं।
आईटी मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श में कहा गया हैं, ‘‘उपरोक्त के अलावा आईटी नियम 2021 मध्यस्थों को अपने पास मौजूद जानकारी को साझा करने के लिए बाध्य करता है, या जांच या सुरक्षात्मक अथवा साइबर सुरक्षा गतिविधियों के लिए कानूनी रूप से अधिकृत सरकारी एजेंसी को सहायता प्रदान करने के लिए बाध्य करता है….।” परामर्श में कहा गया है कि, ‘‘स्थिति की गंभीर प्रकृति” पर विचार करते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय याद दिलाता है कि सोशल मीडिया मध्यस्थों सहित सभी मध्यस्थों को अपने मंचों पर फर्जी बम धमकियों सहित ऐसे दुर्भावनापूर्ण कृत्यों को रोकने के लिए उचित प्रयास करने चाहिए।