नई दिल्ली(ए)। क्रेडिट कार्ड का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, खासकर युवा वर्ग में। लेकिन कई लोग इसके फायदे के साथ-साथ कर्ज के बोझ में भी फंसते जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि बैंक क्रेडिट कार्ड के जरिए कैसे कमाई करते हैं।
1. क्रेडिट कार्ड पर ब्याज
बैंक आमतौर पर क्रेडिट कार्ड पर 45 दिनों तक ब्याज नहीं लेते। लेकिन जब ड्यू डेट पार हो जाती है, तो ब्याज दर सालाना 30% से 48% तक हो सकती है। कई लोग अपने बिल का पूरा भुगतान नहीं कर पाते, जिससे बैंक मोटा ब्याज वसूलते हैं। इसके अलावा, बड़ी खरीदारी के बाद ईएमआई में कन्वर्ट करने पर भी बैंक ब्याज चार्ज करते हैं, जो उनकी कमाई को बढ़ाता है।
2. मर्चेंट फीस
जब आप क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते हैं, तो बैंक मर्चेंट से एक निश्चित फीस लेते हैं। यह फीस आमतौर पर 2-3% के बीच होती है। यह शुल्क बैंकों और क्रेडिट कार्ड प्रोसेसिंग नेटवर्क के बीच साझा किया जाता है। हर लेनदेन पर बैंक को यह फीस मिलती है, जिससे उनकी कमाई होती है।
3. मार्केटिंग टाई-अप चार्ज
बैंक विभिन्न ब्रांडों और सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं। ऐसे कार्ड विशेष लाभ प्रदान करते हैं, जैसे छूट और कैशबैक। बैंक इन मार्केटिंग टाई-अप से शुल्क लेते हैं, जो उनकी कमाई का एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है।
4. अन्य शुल्क
क्रेडिट कार्ड पर कई तरह के शुल्क लागू होते हैं:
- निकासी शुल्क: जब आप क्रेडिट कार्ड से नकद निकालते हैं, तो यह शुल्क 2.5% से 3% तक होता है।
- वार्षिक शुल्क: यह हर साल क्रेडिट कार्ड को बनाए रखने के लिए लिया जाता है। यह शुल्क बैंक के अनुसार भिन्न होता है।
- बैलेंस ट्रांसफर शुल्क: जब आप एक क्रेडिट कार्ड से दूसरे में ऋण ट्रांसफर करते हैं, तो 3% से 5% तक का शुल्क लिया जाता है।
- विदेशी लेनदेन शुल्क: विदेशी मुद्राओं में लेनदेन पर बैंक 1% से 3% तक शुल्क लेते हैं।
- विलंब शुल्क: अगर आप नियत तिथि तक न्यूनतम राशि का भुगतान नहीं करते, तो बैंक विलंब शुल्क लगाते हैं, जो 14% से 40% के बीच हो सकता है। बैंक क्रेडिट कार्ड के जरिए विभिन्न तरीकों से कमाई करते हैं, जिससे उनके राजस्व में वृद्धि होती है। हालांकि, क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय सावधानी बरतना आवश्यक है, ताकि आप कर्ज के बोझ में न फंसें। अपनी वित्तीय स्थिति को समझें और क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग करें।