Home देश-दुनिया पहले चरण में भाजपा ने बनाए छह करोड़ सदस्य, असम रहा सबसे आगे, जानें यूपी समेत अन्य राज्यों के हाल

पहले चरण में भाजपा ने बनाए छह करोड़ सदस्य, असम रहा सबसे आगे, जानें यूपी समेत अन्य राज्यों के हाल

by admin

नई दिल्ली(ए)। दो सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सदस्य बनाकर भाजपा के शुरू हुए सदस्यता अभियान के पहले चरण में 25 सितंबर तक छह करोड़ सदस्य बने हैं। इनमें से चार करोड़ सदस्य चार राज्यों उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात और असम में बने हैं। वहीं राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक और बिहार जैसे राज्य में सदस्यता अभियान गति नहीं पकड़ पाई है ।

भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार पहले चरण की सदस्यता अभियान की समीक्षा की जा रही है और उसकी कमियों को दूर करते हुए एक अक्टूबर से दूसरा चरण शुरू किया जाएगा, जो 15 अक्टूबर तक चलेगा। इसके 31 अक्टूबर तक सक्रिय सदस्य बनाने का काम चलेगा।

वैसे पहले चरण के सदस्यता अभियान में अपेक्षा से कम माना जा रहा है, लेकिन अच्छी बात यह है कि 80 फीसद सदस्यता फार्म में अपनी पूरी जानकारी देकर सदस्य बने हैं। 2019 में मिस्ड कॉल से सहारे सदस्य बनाने में कई गड़बडि़यों की शिकायत के बाद इस बार सदस्यों के सत्यापन पर विशेष जोर दिया गया है।

इन राज्यों में ऐसा रहा प्रदर्शन

भाजपा के महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर सदस्यता अभियान में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों के संगठन को बधाई दी। उनके अनुसार सदस्यता अभियान में दिए लक्ष्य को हासिल करने में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में असम (85 फीसद), हिमाचल प्रदेश (75 फीसद), मध्यप्रदेश (70 फीसद), उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड व अरुणाचल प्रदेश (65 फीसद) और त्रिपुरा (60 फीसद) शामिल है। संख्या के हिसाब से देंखे तो उत्तरप्रदेश में 1.5 करोड़, मध्यप्रदेश व गुजरात एक-एक करोड़ और असम में 50 लाख सदस्य बने हैं।

वहीं सभी महानगरों में दिल्ली 14.5 लाख सदस्य बनाकर सबसे आगे है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार एक अक्टूबर से शुरू होने जा रहे सदस्यता अभियान के दूसरे चरण में युवाओं को सदस्य बनाने पर अधिक जोर दिया जाएगा।

सदस्यता अभियान में तेजी लाने की कोशिश

इसके लिए पार्टी महासचिव सुनील बंसल ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर अधिक-से-अधिक युवाओं तक पहुंचने की रणनीति पर चर्चा की। इसके साथ ही पहले चरण में पिछड़ गए राज्यों में दूसरे चरण के सदस्यता अभियान में तेजी लाने की कोशिश भी शुरू हो गई है।

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