नई दिल्ली (ए)। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन गेमिंग एप Fiewin के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 25 करोड़ रुपए की संपत्ति को फ्रीज कर दिया है। इस एप के जरिए 400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई है, जिसका पैसा चीन पहुंचाया गया। ED की जांच में पता चला कि चीनी नागरिकों ने इस एप का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में किया।
कैसे हुआ घोटाला?
Fiewin एप का संचालन चीनी नागरिकों द्वारा किया जा रहा था, जिन्होंने भारतीय नागरिकों की मदद से इसे चलाया। एप के जरिए लोगों से जमा किए गए पैसे को “रिचार्ज व्यक्ति” के खातों में डाला गया, जो इसे क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीन भेजते थे। इस काम में उड़ीसा के अरुण साहू और आलोक साहू जैसे लोग शामिल थे, जिन्होंने इस एप के लिए बैंक खातों का इस्तेमाल किया।
क्रिप्टो करेंसी और मनी लॉन्ड्रिंग का जाल
ED की जांच में पता चला कि पटना के एक इंजीनियर चेतन प्रकाश ने इस मनी लॉन्ड्रिंग के काम में मदद की। उन्होंने जमा किए गए पैसों को क्रिप्टो करेंसी (USDT) में बदलने में अहम भूमिका निभाई। जोसेफ स्टालिन नामक एक अन्य व्यक्ति ने भी इस घोटाले में हिस्सा लिया, जिसने एक चीनी नागरिक पाई पेंग्युन को अपनी कंपनी का सह-निदेशक बनने में मदद की।
क्या था घोटाले का तरीका?
पाई पेंग्युन और जोसेफ स्टालिन ने लोगों का विश्वास जीतकर उन्हें एप पर बड़े दांव लगाने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद एप से जुड़े पैसों को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीन के बिनेंस वॉलेट में ट्रांसफर किया गया। ED की जांच से पता चला कि करीब 400 करोड़ रुपए इस तरह चीनी नागरिकों के नाम से चलाए जा रहे 8 बिनेंस वॉलेट में भेजे गए।
25 करोड़ की संपत्ति फ्रीज
ED ने इस मामले में अब तक 25 करोड़ रुपए की संपत्ति फ्रीज की है और चार लोगों अरुण साहू, आलोक साहू, चेतन प्रकाश और जोसेफ स्टालिन को गिरफ्तार किया है। इन सभी आरोपियों ने टेलीग्राम के जरिए चीनी नागरिकों से संपर्क रखा और इस धोखाधड़ी में सक्रिय भूमिका निभाई।