रायपुर। जिला मुख्यालय कबीरधाम से 62 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पोलमी के निवासी श्री बाबूलाल के जीवन में एक नया अध्याय तब शुरू हुआ जब उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अपना पक्का घर मिला। बाबूलाल, जो पहले कच्चे मकान में अपने परिवार के साथ रहते थे, बारिश के मौसम में परेशानियों का सामना करते थे। उनका पुराना घर कमजोर था, दीवारों में दरारें थीं, और छत से पानी टपकता था। हर बार मानसून का आना उनके लिए चिंता का सबब होता था। बाबूलाल की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे खुद से पक्का मकान बना सकें। उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा परिवार के दैनिक खर्चों में चला जाता था। लेकिन जब प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी उन्हें मिली, तो उन्होंने इस योजना के तहत आवेदन किया। कुछ समय बाद उन्हें योजना के तहत स्वीकृति पत्र प्राप्त हुआ और उनके सपनों का घर बनने की प्रक्रिया शुरू हुई।
श्री बाबूलाल ने बताया कि उन्हे वर्ष 2023-24 में आवास बनाने की स्वीकृति दी गई, इसके बाद बाबूलाल को अपने खुद के पक्का मकान की उमीद पूरी होती दिखाई देने लगी। उन्होने बताया कि जैसे ही पहली किश्त की राशि 40 हजार का अंतरण उनके बैंक खातों ऑनलाईन डी.बी.टी. के माध्यम से किया गया वैसे ही पक्का आवास बनाने का सफर शुरू हुआ। आवास निर्माण की राशि 2 लाख रूपये के साथ-साथ बाबूलाल को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 95 दिवस की मजदूरी भुगतान की राशि 23 हजार 850 एवं स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रूपये की राशि सहित शासन की अन्य योजनांओ का लाभ अभिषरण के माध्यम से मिला।
श्री बाबूलाल ने पक्का आवास मिलने पर साय सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि “मैं दिल से सरकार का आभारी हूँ, जिसने हमें यह अवसर दिया। यह घर मेरे लिए एक सपना था जो आज साकार हो गया है। पहले हमें कच्चे मकान में हर समय बारिश और तूफान का डर सताता था, लेकिन अब हम सुरक्षित और आरामदायक घर में रह सकते हैं। बाबूलाल बताते हैं, “ये घर मेरे जीवन का सबसे बड़ा सपना था। सरकार की इस योजना की वजह से आज मैं अपने परिवार के साथ चौन से रह सकता हूँ। अब बारिश या तूफान की चिंता नहीं रहती। मेरे बच्चे अब सुरक्षित और सुखद माहौल में रह सकते हैं।“ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले इस पक्के आशियाने ने हमारे जीवन में स्थिरता और खुशहाली ला दी है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री साय का धन्यवाद करता हूँ।