Home देश-दुनिया पूर्व राष्ट्रपति कोविंद बोले- मुझे काशी का प्रसाद मिला तो मेरे दिमाग में तिरुपति की बात खटकी

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद बोले- मुझे काशी का प्रसाद मिला तो मेरे दिमाग में तिरुपति की बात खटकी

by admin

नई दिल्ली(ए)। तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी की पुष्टि के बाद से यह मामला गरमा गया है। वहीं, अब भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस मामले को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने प्रसाद में मिलावट को पाप बताते हुए कहा कि कहा कि प्रसाद को लेकर हिंदुओं की गहरी आस्था होती है, लेकिन मिलावट की खबरें श्रद्धालुओं के बीच शंका उत्पन्न कर रही हैं।

पूर्व राष्ट्रपति ने अपने वाराणसी दौरे ज्रिक करते हुए कहा कि मैं काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन नहीं कर पाया, लेकिन मेरे कुछ सहयोगी मंदिर गए थे और उन्होंने मुझे प्रसाद दिया। उस समय मुझे तिरुपति मंदिर की मिलावट की खबरें याद आ गईं। यह समस्या सिर्फ एक मंदिर तक सीमित नहीं हो सकती, यह हर मंदिर की कहानी हो सकती है। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मिलावट तो पाप है और हिंदू शास्त्रों में भी इसे पाप कहा गया है। श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद आस्था का प्रतीक है और इसमें मिलावट करना निंदनीय है।

बता दें कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी मिलाने के मामले को लेकर अयोध्या के साधु-संतों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा है कि इस घोटाले में शामिल दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि तिरुपति बालाजी एक आस्था का केंद्र है, जहां लाखों लोग आते हैं। प्रसाद में चर्बी मिलाने की जानकारी मिलना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ है। जो भी दोषी हैं, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए।” वहीं, राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी इस मामले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया है कि पिछली जगमोहन सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में पशु चर्बी मिलाई गई। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुपति की पवित्रता को नष्ट करने का प्रयास किया है। गुजरात स्थित एनडीडीबी सीएएलएफ लिमिटेड द्वारा की गई जांच में इस घोटाले की पुष्टि की गई है। इस मामले ने धार्मिक भावनाओं को भड़काया है और साधु-संतों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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