Home देश-दुनिया अंग्रेजों ने भी नहीं सोचा होगा कि उनसे ज्यादा ‘क्रूर और अत्याचारी’ शासक देश पर शासन करेगा: केजरीवाल

अंग्रेजों ने भी नहीं सोचा होगा कि उनसे ज्यादा ‘क्रूर और अत्याचारी’ शासक देश पर शासन करेगा: केजरीवाल

by admin

नई दिल्ली(ए)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल के अपने अनुभवों और खुद पर लगाई गई पाबंदियों को साझा करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि भगत सिंह ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि 95 साल बाद भारत में एक ‘‘क्रूर और अत्याचारी” सरकार आएगी जो अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ देगी केजरीवाल ने पार्टी मुख्यालय में आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और तिहाड़ जेल के अपने अनुभवों को याद किया। उन्होंने बताया कि उनके पास भगत सिंह की ‘जेल डायरी’ की एक प्रति थी जिसे जेल में रहते हुए उन्होंने कई बार पढ़ा। आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा, ‘‘जेल में मुझे सोचने और पढ़ने के लिए बहुत समय मिला और मैंने कई किताबें पढ़ीं। मैंने राजनीतिक किताबें, गीता, रामायण और महाभारत पढ़ीं।”

भगत सिंह की ‘जेल डायरी’ दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जेल में इसे कई बार पढ़ा। उन्होंने कहा, ‘‘जब भगत सिंह 95 साल पहले जेल में थे, तो उन्होंने जेल से अपने क्रांतिकारी साथियों और देश के युवाओं सहित कई लोगों को पत्र लिखे थे। अपनी शहादत से पहले, उन्होंने 22 मार्च, 1931 को जेल से अपने साथियों को अपना अंतिम पत्र लिखा था और अंग्रेजों ने इसे उन तक पहुंचाया। उन्होंने बटुकेश्वर दत्त की बहन प्रमिला, अपने बचपन के दोस्त जयदेव गुप्ता और यहां तक ​​कि वॉयसराय को भी पत्र लिखे थे। युवाओं के लिए लिखे गए उनके पत्र को एक युवा सम्मेलन में पढ़ा गया था।”

केजरीवाल ने कहा कि भगत सिंह की शहादत के 95 साल बाद, स्वतंत्र भारत में एक ‘क्रांतिकारी मुख्यमंत्री’ जेल गया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जेल से उप राज्यपाल साहब को सिर्फ एक पत्र लिखा था। यह 15 अगस्त (देश का स्वतंत्रता दिवस) था। भारत के स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार की ओर से झंडा फहराते हैं। मैंने 15 अगस्त से तीन दिन पहले उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा था जिसमें उनसे अनुरोध किया था कि वे कैबिनेट मंत्री आतिशी को मेरी अनुपस्थिति में ध्वजारोहण की अनुमति दें। वह पत्र उन्हें नहीं भेजा गया।”

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनका पत्र लौटा दिया गया है और चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने दूसरी बार उपराज्यपाल को पत्र लिखने की हिम्मत की तो उनकी परिवार के सदस्यों से मुलाकातें रोक दी जाएंगी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यहां तक ​​कि अंग्रेजों ने भी यह नहीं सोचा था कि स्वतंत्र भारत के 95 साल बाद, अंग्रेजों से भी अधिक क्रूर और अत्याचारी शासक इस देश पर शासन करेगा।” आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, बाबा साहेब आंबेडकर, चंद्रशेखर आजाद और अशफाक उल्ला खान सहित अनगिनत स्वतंत्रता सेनानी जेल गए और कई वर्षों तक जेल में रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘उनके सहयोगी उनसे जेल में मिलने जाते थे। जब वे उनसे मिलने जाते थे, तो वे उनसे राजनीति और अंग्रेजों को उखाड़ फेंकने के बारे में बात करते थे।” केजरीवाल ने आरोप लगाया, ‘‘संदीप पाठक मुझसे मिलने जेल में आए और हमने देश और पार्टी की राजनीतिक स्थिति के बारे में बात की। बेशक, मैं उनके साथ ‘रोमांस’ के बारे में बात नहीं करूंगा; लेकिन पाठक को काली सूची में डाल दिया गया और उन्हें मुझसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई।”

पिछले महीने पाठक ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि जेल में केजरीवाल से मुलाकात की अनुमति न देने का जेल प्रशासन का फैसला ‘मनमाना, अवैध और पूरी तरह अनुचित’है। जेल अधिकारियों ने पाठक को अप्रैल में दो बार केजरीवाल से मिलने की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में उन्हें यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया था कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उनके द्वारा दिए गए कुछ बयान जेल नियमों का उल्लंघन थे और ज्यादातर राजनीति से प्रेरित थे।

केजरीवाल ने आरोप लगाया, ‘‘फांसी पर चढ़े भगत सिंह ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन भारत ऐसा हो जाएगा। उन्होंने यह भी नहीं सोचा होगा कि आज से 95 साल बाद भारत में एक क्रूर और अत्याचारी सरकार आएगी जो अंग्रेजों को पीछे छोड़ देगी।” केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका और उनकी पार्टी का मनोबल तोड़ने के लिए ही उन्हें जेल भेजा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने एक फॉर्मूला बनाया है। पूरा देश देख रहा है कि वे कैसे विधायकों को तोड़ रहे हैं और खरीद रहे हैं। ईडी-सीबीआई भेजकर उन्हें डरा रहे हैं। फर्जी मामले दर्ज करके उन्हें जेल में डाल रहे हैं। सरकारें गिरा रहे हैं और अपनी सरकार बना रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में दो राष्ट्रीय पार्टियों को तोड़ दिया।”

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