नई दिल्ली(ए)। नक्सल समस्या, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और पूर्वोत्तर के अलगाववाद जैसी आंतरिक सुरक्षा की पुरानी चुनौतियों पर लगाम लगाने में काफी हद तक मिली सफलता के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों से नई चुनौतियों से निपटने के लिए काम करने को कहा है। इस सिलसिले में उन्होंने ड्रग्स तस्करी, ड्रोन और ऑनलाइन अपराध जैसी नई चुनौतियों का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनने से पहले ही इनसे निपटना होगा।
गृह मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर रणनीति (नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटिजीज) पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन पुलिस महानिदेशकों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक एक समृद्ध, मजबूत और विकसित भारत बनाने के दृष्टिकोण के मुताबिक काम करने की अपील की।
अमित शाह ने राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से नए आपराधिक कानूनों को समग्रता में लागू करने की अपील करते हुए कहा कि नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और पीडि़तों के लिए त्वरित और समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है। केवल मानसिकता में बदलाव, प्रौद्योगिकी को अपनाने और सुचारु समन्वय के सहारे नए कानूनों के परिवर्तनकारी प्रभाव को हासिल किया जा सकता है।
पुलिस महानिदेशकों को नए कानूनों का अक्षरश
पालन सुनिश्चित करने के लिए युवा पुलिस अधिकारियों की टीमें गठित करनी चाहिए। गृह मंत्री ने आतंकवाद और नक्सलवाद पर लगाम लगाने में मिली सफलता के लिए सुरक्षा एजेंसियों की तारीफ की। लेकिन यह भी साफ कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ अभियान को नए आयाम तक ले जाना होगा। आतंकी व नक्सली फंडिंग पर पूरी तरह से रोक लगानी होगी।
उन्होंने इसके लिए एक विस्तृत रणनीति का प्रस्ताव रखा, जिसमें एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने से लेकर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग तक शामिल है। इस सिलसिले में उन्होंने आतंकरोधी ढांचे को मजबूत करने के लिए एनआइए और राज्यों के एटीएस के बीच सहयोग और समन्वय पर जोर दिया।
डाटा के विश्लेषण, नई तकनीक का इस्तेमाल हो
गृह मंत्री ने पुलिस महानिदेशकों को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा तैयार किए जा रहे अपराधियों के डाटाबेस का उपयोग सुनिश्चित करने को कहा। डाटा के विश्लेषण, नई तकनीक के इस्तेमाल और बहुआयामी दृष्टिकोण अपना कर आंतरिक सुरक्षा के ढांचे को और भी मजबूत किया जा सकता है। दो दिन तक चले सम्मेलन में सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ अत्याधुनिक तकनीक पर काम करने वाले युवा पुलिस अधिकारियों और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। हाईब्रिड मोड में हुए सम्मेलन में 750 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया।